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क्या होती है वाटर बर्थ डिलीवरी? नॉर्मल डिलीवरी की तरह महिला को क्यों नहीं होता दर्द और इन्फेक्शन का खतरा

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क्या होती है वाटर बर्थ डिलीवरी? नॉर्मल डिलीवरी की तरह महिला को क्यों नहीं होता दर्द और इन्फेक्शन का खतरा

Water Birthing vs Normal Delivery: ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं बच्चे को जन्म देने के लिए नॉर्मल या फिर सिजेरियन डिलीवरी में से कोई एक विकल्प चुनती  हैं। लेकिन क्या आपने कभी वाटर बर्थ डिलीवरी के बारे में भी कुछ सुना है। जी हां, यह बच्चे को जन्म देने वाली वही तकनीक है, जिसका सहारा बॉलीवुड एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन और मॉडल ब्रूना अब्दुल्लाह जैसी कई सेलिब्रिटीज ने अपने बच्‍चे को जन्म देने के लिए लिया है। वाटर बर्थ तकनीक यानी कि पानी में बच्‍चे को जन्‍म देने की पद्धति होती है। आइए जानते हैं आखिर क्या होती है वाटर बर्थ डिलीवरी और क्या ये नॉर्मल डिलीवरी से बेहतर होती है। 


एक अध्यन में कहा गया है कि वाटर बर्थ डिलीवरी में महिला को नार्मल डिलीवरी से 40 प्रतिशत कम पीड़ा का अनुभव होता है। इसके अलावा मां और शिशु दोनों को ही इन्फेक्शन होने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।

क्या होती है 'वाटर बर्थ डिलीवरी'-
'वाटर बर्थ डिलीवरी' के दौरान महिला के लिए एक गुनगुने पानी का बर्थिंग पूल तैयार किया जाता है। इस पूल का तापमान एक जैसा बनाए रखने के लिए इसमें कई तरह के उपकरण लगाए जाते हैं। जो महिला और उसके होने वाले बच्चे को इन्फेक्शन होने से रोकने में मदद करते हैं। इस पूल की क्षमता करीब 400 लीटर तक होती है, जो महिला के शरीर के अनुसार एडजस्ट कर दिया जाता है। इस पूल में गर्भवती महिला को उसकी प्रसव पीड़ा शुरू होने से लगभग 3-4 घंटे पहले बिठाया जाता है। बता दें, इसी पूल में बच्चे का जन्म होता है। 


वाटर बर्थ डिलीवरी के फायदे-
-नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में वाटर डिलीवरी करवाते समय महिला को दर्द कम महसूस होता है। इसके अलावा यह बच्चे को जन्म देने का सुरक्षित तरीका भी माना जाता है।


- इस डिलीवरी में महिला व बच्चे दोनों को संक्रमण का खतरा कम होता है।


-वाटर डिलीवरी के दौरान टब में मौजूद गर्म पानी की वजह से टिश्यू काफी सॉफ्ट हो जाते हैं जिसकी वजह से योनि में होने वाला खिचाव और टियरिंग भी कम होती है।


-वॉटर बर्थ में डिलीवरी के दौरान महिला के शरीर में एंड्रोफिन हार्मोन ज्यादा बनते हैं, जिसके कारण दर्द कम होता है और दर्द कम होने से बच्चे को भी जन्म लेते समय ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है। 


-वॉटर बर्थ में डिलीवरी के दौरान महिला को बहुत ज्यादा तनाव नहीं होता है। जिससे उसका बीपी ठीक रहता है।  

नॉर्मल डिलीवरी और वाटर डिलीवरी में से क्या है बेहतर- 
वाटर डिलीवरी नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में अधिक फायदेमंद मानी जाताी है। हालांकि बात अगर सिर्फ बच्चे के जन्म की हो रही हो तो ये दोनों ही तकनीक समान रूप से सफल, सुरक्षित और भरोसेमंद मानी गई हैं। लेकिन वाटर डिलीवरी गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा को कम करने में भी मदद करती है। जबकि नॉर्मल डिलीवरी में महिला को दर्द कम करने के लिए दर्दनिवारक दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। वाटर डिलीवरी भले ही एक प्राकृतिक प्रक्रिया हो लेकिन प्रसव की इन प्रक्रियाओं में से दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। इसलिए डिलीवरी का कोई भी तरीका चुनने से पहले अपनी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।