बच्चे के जन्म के बाद खुद को इस तरह करें पैंपर, नहीं होंगी पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार

बॉडी से करें प्यार
बच्चे के जन्म के बाद सबसे पहले जो बदलता है वो बॉडी है। प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ना नॉर्मल है। वहीं सिजेरियन के बाद पेट भी अंदर नहीं जाता। ऐसे में खुद को शीशे में देखकर बिल्कुल भी नर्वस ना हो। वक्त के साथ सारी चीजों के साथ ही बॉडी भी शेप में आ जाएगी। बस पॉजिटिव एटीट्यूड बनाकर रखें।
पर्याप्त नींद लें
बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल में महिलाओं की नींद खराब होती है। ऐसे में जब भी बच्चा सो रहा हो तो उसके साथ ही अपनी नींद भी पूरी कर लें। ऐसा करने से ना केवल आप फ्रेश महसूस करेंगी बल्कि आंखों के नीचे काले गहरे धब्बे भी नहीं पड़ेंगे।
मदद मांगने से हिचकिचाएं नहीं
घर के किसी भी सदस्य या पति से मदद मांगने से हिचकिचाएं नहीं। बच्चा जब रो रहा हो और चुप ना हो तो उसे किसी दूसरे की गोद में दें। ऐसा करने से हो सकता है बच्चे को अच्छा लगे और वो चुप हो जाए। साथ ही आपको फ्रस्ट्रेशन नहीं होगा।
सारे काम की जिम्मेदारी ना लें
अगर आप अपने आपको सुपर वुमन समझकर सारे काम की जिम्मेदारी और बच्चे की जिम्मेदारी निभाएंगी। तो जल्दी ही डिप्रेशन का शिकार हो जाएंगी। काम के लिए किसी हेल्पर को रखें या फिर घर के किसी सदस्य को साथ घरेलू काम के लिए कहें। जिससे कि सारे काम टाइम पर हों और आपका वक्त बचे। जरूरत से ज्यादा एनर्जी काम में खर्च होने की वजह से जब आप बच्चे के पास पहुंचेगी तो एनर्जी नहीं रहेगी और बच्चे का रोना आपको चिड़चिड़ा बना देगा।
लोगों के ताने सुनने से परेशान हों तो बच्चे के साथ खेल लें
घरवाले अगर हर बात पर टोकते हैं और कमियां निकालते हैं तो उनकी बातों को मन पर हावी ना होने दें। अक्सर घर के बड़े अपने अनुभव साझा करते हैं। इसलिए सबकी सुनकर अपने हिसाब से बच्चे का पालन-पोषण करें। आपका बच्चा किसी स्ट्रेस बस्टर से कम नहीं है। उसके साथ टाइम स्पेंड करें और खुद को फ्रेश फील कराएं।