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भारत ने चूर-चूर किया चीन की इस इलेक्ट्रिक कार कंपनी का सपना! जानिए क्यों ठुकराया 1 बिलियन डॉलर निवेश का प्रस्ताव

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भारत ने चूर-चूर किया चीन की इस इलेक्ट्रिक कार कंपनी का सपना! जानिए क्यों ठुकराया 1 बिलियन डॉलर निवेश का प्रस्ताव

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ पार्टनरशिप में देश में 1 बिलियन डॉलर की फैक्ट्री स्थापित करने के चीनी वाहन निर्माता BYD कंपनी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस पार्टनरशिप के तहत BYD भारत में सालाना 10,000-15,000 यूनिट इलेक्ट्रिक कारों को असेंबल करने का प्लान बना रही थी। भारत सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को रिजेक्ट करना यह चीनी ऑटो निर्माता के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि BYD उभरते हुए भारतीय ऑटो बाजार में एक बड़े हिस्से को ध्यान में रखते हुए स्थानीय उत्पादन प्लांट स्थापित करना चाहती थी।

BYD का प्लान क्या है?
BYD भारत में पहले से ही दो इलेक्ट्रिक कारें Atto 3 और E6 बेचती है। कार निर्माता ने अपनी भारत वेबसाइट पर BYD सील EV को भी लिस्ट किया है, जिसे इस साल फरवरी में ऑटो एक्सपो 2023 में अनवील किया गया था। यह इस साल के अंत में देश में बिक्री के लिए उपलब्ध हो सकती है। ऑटो कंपनी देश में अपनी इलेक्ट्रिक कारों और उनकी बैटरियों के निर्माण के लिए एक स्थानीय उत्पादन प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही थी, जिससे वह अपनी कारों को कम बजट में तैयार कर सके।


सरकार ने क्यों मना किया प्रस्ताव?
चीनी कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में एक स्थानीय कंपनी के साथ पार्टनरशिप में भारत में इलेक्ट्रिक कारों और बैटरी बनाने की योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए $1 बिलियन का निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। रिपोर्ट से पता चला है कि भारत के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड डिपार्टमेंट (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने निवेश प्रस्ताव पर अन्य विभागों से राय मांगी थी। इसमें आगे दावा किया गया है कि विचार-विमर्श के दौरान भारत में चीनी निवेश को लेकर सिक्योरिटी को ध्यान में रखा गया है, जिसके परिणामस्वरूप बीवाईडी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा भारतीय नियम चीनी कंपनियों से ऐसे निवेश की अनुमति नहीं देता है।


पहले भी मिल चुके हैं प्रस्ताव
यह पहली बार नहीं है, जब भारत सरकार ने किसी चीनी ऑटो निर्माता के निवेश प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इससे पहले एक अन्य चीनी ऑटो प्रमुख ग्रेट वॉल मोटर ने भी भारत में स्थानीय स्तर पर अपनी कारों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र में 1 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी। हालांकि, कंपनी ढाई साल के इंतजार के बाद सरकारी मंजूरी प्राप्त करने में असमर्थ रही और अंततः जुलाई 2022 में अपनी योजना को स्थगित कर दिया।