बच्चे को हो गई है मोबाइल की आदत तो डांटे नहीं बल्कि इन तरीकों से छुड़ाएं लत

-बच्चे की पैरेंटिग करते समय ध्यान रखें कि बच्चे मां-बाप को देखकर ही सीखते हैं। इसलिए सबसे पहले खुद के मोबाइल देखने की आदत पर कंट्रोल करें।
-अगर आपका टीनएज होता बच्चा मोबाइल गेमिंग की आदत पकड़ चुका है तो उसे एकदम से डांटकर मोबाइल ना छीनें। ऐसा करने से उस पर बुरा असर पड़ेगा बल्कि धीरे-धीरे और किसी दूसरे काम में उसका मन भटकाकर गेमिंग की लत को खत्म करें।
-बच्चा अगर जरूरत से ज्यादा मोबाइल चलाता है तो उसे होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। मोबाइल के स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट से होने वाले हार्मफुल इफेक्ट उसकी स्किन और आंखों को खराब कर देंगे। इस तरह की बातों को समझाने से बच्चे के मोबाइल की आदत छूटने में मदद मिलेगी।
-कभी भी बच्चे के हाथ से मोबाइल छीनकर और उसे डांटकर मोबाइल की लत को दूर नहीं किया जा सकता। छोटे बच्चे हैं तो उन्हें बाहर खेलने या उनकी फेवरेट एक्टीविटी की तरफ अट्रैक्ट करके मोबाइल की आदत को छुड़ाएं।
-10 साल तक उम्र के बच्चों को मोबाइल देते समय उसमे पैरेंटल कंट्रोल ऐप लगाकर दें। जिससे कि बच्चा केवल अपने जरूरत की चीज ही देख सके।
-अगर बच्चा 10 साल से कम उम्र का है तो उसके मोबाइल देखने का टाइम फिक्स कर दें। इससे बच्चे की दिनभर मोबाइल चलाने की आदत पर कंट्रोल होगा और धीरे-धीरे ये आदत भी छूट जाएगी।