दिमाग तेज करने के लिए रोजाना करें ये 5 ब्रेन एक्सरसाइज, याददाश्त में भी होगा सुधार

क्या होती है ब्रेन एक्सरसाइज-
आसान शब्दों में समझा जाए तो, ब्रेन एक्सरसाइज दिमाग से जुड़ी ऐसी कोई भी ऐसी एक्टिविटी हो सकती है, जिसमें आपका दिमाग संलग्न रहता है। इसमें कंप्यूटर पर खेले जाने वाले गेम से लेकर पढ़ने और लोगों से बात करना तक सब कुछ शामिल हो सकता है। मस्तिष्क व्यायाम करने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि आपको उसे करते समय उसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता होती है।
दिमाग और याददाश्त बढ़ाने के लिए रोजाना करें ये 5 एक्सरसाइज-
वर्कआउट-
साल 2022 में हुए एक शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया कि जो लोग नियमित रूप से वॉक, दौड़, तैराकी, साइकिलिंग, नृत्य, योग, खेल और व्यायाम में भाग लेते रहते हैं, उनमें डिमेंशिया विकसित होने का जोखिम उन लोगों की तुलना में 17 प्रतिशत कम था, जिनकी रूटिन लाइफ में ये चीजें शामिल नहीं थीं। इस शोध से यह पता चलता है कि जीवन में बेहतर अनुभूति के लिए आप सबसे अच्छी चीजों में से एक शारीरिक व्यायाम कर सकते हैं। डॉ. टैन के अनुसार व्यायाम करने से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है, जिससे स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, डिमेंशिया और मधुमेह का जोखिम कम होता है।
मनपसंद खेल-
अगर आप अपने ब्रेन को शार्प बनाना चाहते हैं तो कोई भी ऐसा मनपसंद खेल खेलें, जिसे खेलने के लिए आपको अन्य लोगों की भी आवश्यकता हो। डॉ शार्रे के अनुसार ऐसे खेल खेलने से जिसमें आपके दूसरे लोगों की भी जरूरत होती है, वो आपके निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की क्षमता को अच्छा बनाते हैं। उदाहरण के लिए खेल खेलते समय आपको अक्सर खुद से यह पूछना पड़ता है कि मेरा साथी कहां है? क्या मुझे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तेज दौड़ना चाहिए? ऐसे खेल आपको लोगों से घुलने-मिलने के अवसर देने के साथ आपके निर्णय लेने की क्षमता में भी सुधार करते हैं।
गणित से करें दोस्ती-
एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिन वरिष्ठ नागरिकों को बेसिक गणित के सवाल छह महीने तक रोजाना करने के लिए दिए गए, उनके काम करने और सोचने की क्षमता में सुधार हुआ।
कोई नई भाषा सीखें-
दो भाषाओं को जानने से आप उन लोगों के साथ जुड़ सकते हैं जिनके साथ आपने पहले कभी कोई संवाद नहीं किया होगा, नई भाषा यात्रा को आसान बनाने के साथ आपके मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है। साल 2020 में हुए एक शोध में पाया गया कि जो लोग एक से ज्यादा भाषा बोलना जानते थे उनमें उन लोगों की तुलना में जो सिर्फ एक ही भाषा जानते थे, डिमेंशिया का खतरा लंबे समय बाद काफी कम देखा गया।
पहेलियां सुलझाएं-
अलग-अलग तरह की पहेलियां सुलझाने की कोशिश करने से आपके मस्तिष्क के विभिन्न भाग एक्टिव बने रहते हैं। इन पहेलियों में क्रॉसखेल, जिगसॉ जैसी पहेली विशेष रूप से सहायक हो सकती हैं।