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कमर के दर्द ने उठना-बैठना किया मुश्किल? यहां जानें डॉक्टर ने दी क्या सलाह

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कमर के दर्द ने उठना-बैठना किया मुश्किल? यहां जानें डॉक्टर ने दी क्या सलाह

शरीर में होने वाली बीमारी को अगर समय रहते डॉक्टर को दिखा लिया जाए तो मर्ज बढ़ने से बच जाता है। यहां हेल्थ एक्सपर्ट ने हड्डियों से जुड़ी कुछ समस्याओं के जवाब दिए हैं। आप देख सकते हैं कि क्या आपको भी ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं। 

सवाल: बीते दस दिनों से कमर में बायीं ओर, नीचे के हिस्से में उठने-बैठने में तेज दर्द है। खड़े होने के लिए भी कुछ पकड़ना पड़ता है। खड़े होने पर थोड़ी देर बाद दर्द ठीक हो जाता है। सीढ़ी चढ़ने में परेशानी होती है। क्या करूं?

जवाब: कमर की मांसपेशियों की कमजोरी इस दर्द का कारण हो सकती है। लंबे समय तक चलने, बैठने और लेटने का खराब पॉश्चर मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। कमर के खास व्यायाम व कुछ दवाओं के सेवन से आराम मिल जाता है। इसके अलावा आप हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलें, ताकि डिस्क संबंधी गड़बड़ी की जांच भी कर सकें।

सवाल: मेरे बेटे की उम्र 32 साल है। कोविड की दूसरी लहर में उन्हें काफी स्टेरॉइड दी गई थीं। अभी कुछ महीने पहले उन्हें कूल्हे के दोनों जोड़ में ए.वी.एन की समस्या हुई। हैदराबाद से स्टेम सेल के साथ कोर डिकंप्रेशन सर्जरी भी कराई है। पर, बेटे को अभी भी दर्द रहता है। क्या करें?

जवाब: स्टेरॉइड लेने से कूल्हे की ओर खून का दौरा कम हो सकता है, जिससे कूल्हा गलने लगता है। इस परेशानी को ए.वी.एन (एवैस्कुलर नैक्रोसिस) कहते हैं। अगर स्टेम सेल थेरपी से भी आराम नहीं है तथा रोज के काम जैसे चलने, उठने, बैठने में तकलीफ है तो कूल्हा बदलने या हिप रिप्लेसमेंट इसका सफल इलाज है। कुछ दवाएं भी प्रारंभिक स्टेज में कारगर होती हैं। डॉक्टर कूल्हे का एक्सरे या एमआरआई करके बता सकेंगे कि कूल्हे के प्रत्यारोपण की जरूरत है या नहीं। हिप रिप्लेसमेंट ए.वी.एन के लिए कारगर उपचार है।

सवाल: मेरी उम्र 45 साल है। कद पांच फुट 3 इंच है। वजन 80 किलो है। मेरे घुटनों में काफी दर्द रहता है। डॉक्टर ने घुटना बदलवाने को कहा है। पर, मैं अभी से नहीं कराना चाहती। इसके लिए सही उम्र क्या होती है? मुझे क्या करना चाहिए कि कुछ साल बचा जा सके?

जवाब: घुटना बदलवाने की कोई सही उम्र नहीं होती। ऑपरेशन पहले 60 के बाद किया जाता था। पर, अब कम उम्र में ही इसके मामले सामने आ रहे हैं। घुटना प्रत्यारोपण तब करते हैं, जब रोज के काम करने में भी परेशानी होती है। या फिर रोज दवाएं लेनी पड़ती है। यह कामयाब ऑपरेशन है। इंप्लांट्स भी अच्छी गुणवत्ता वाले आ रहे हैं। अगर आप अभी घुटने नहीं बदलवाना चाहती हैं, तो नियमित घुटनों के व्यायाम करें। वजन नियंत्रित रखें। ऑपरेशन टालने के लिए कुछ समय तक घुटने में इंजेक्शन, फिजियोथेरेपी व घुटनों की ग्रीस ठीक रखने वाली दवाओं की मदद ले सकती हैं।