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आखिर क्या होता है 'Prehypertension'?, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

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आखिर क्या होता है 'Prehypertension'?, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

What Is Prehypertension?: असंतुलित जीवनशैली और अनहेल्दी डाइट की वजह से आजकल लाइफस्टाइल से जुड़ी कई समस्याएं व्यक्ति के लिए परेशान की वजह बनी हुई हैं। ऐसी ही एक समस्या हाई ब्लड प्रेशर भी है। हाई ब्लड प्रेशर को मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन के नाम से पहचाना जाता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति के शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सामान्य से ज्यादा तेज हो जाता है। ब्लड प्रेशर के अनियंत्रित होने पर ब्लड प्रेशर की समस्या शुरू होती है। लेकिन हाइपरटेंशन की समस्या पैदा होने से पहले ब्लड प्रेशर में होने वाले बदलाव की वजह से प्री-हाइपरटेंशन की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। आइए जानते हैं आखिर क्या होती है प्री-हाइपरटेंशन।

  

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने ब्‍लड प्रेशर रीडिंग के लिए 5 श्रेणी बताई हैं। प्री हाइपरटेंशन इन्‍ही 5 श्रेणियों में से एक है। अगर आपको प्री हाइपरटेंशन की समस्या है तो समझ लें कि आपके शरीर में सेहत से जुड़ी कोई समस्‍या जन्म ले रही है जो भविष्य में गंभीर रूप ले सकती है।

ब्‍लड प्रेशर क्‍या है?
शरीर में हार्ट द्वारा पम्‍प किए जाने वाले खून का धमनियों की दीवारों पर पड़ने वाले प्रेशर को ब्‍लड प्रेशर कहते हैं। जब धमनियों पर यही दबाव ज्‍यादा तेजी से पड़ने लगता है तो उसे हाई ब्‍लड प्रेशर कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति का रक्तचाप सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप के रूप में जाना जाता है। जैसे 120/80 सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों में दाब को दर्शाती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती है। एक स्वस्थ व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप 90 और 120 मिलीमीटर के बीच होता है।जबकि सामान्य डायस्टोलिक रक्तचाप 60 से 80 मिमी के बीच होता है।

ब्‍लड प्रेशर रीडिंग की 5 कैटेगरी-
ब्‍लड प्रेशर रीडिंग की 5 कैटेगरी होती है। जिसमें प्री हाइपरटेंशन, पहली स्‍टेज है। दूसरी स्‍टेज हाईपरटेंशन और हाईपरटेंशन क्राईसिस है। आसान भाषा में समझे तो प्री-हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जब व्यक्ति को हाई बीपी की शुरुआत होनी शुरू हो जाती है। इसे स्टेज 1 हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। प्री-हाइपरटेंशन एक चेतावनी है जिससे बचने के लिए सही समय पर सही कदम उठाने चाहिए अन्यथा आप हाइपरटेंशन के मरीज बन सकते हैं। प्री-हाइपरटेंशन की समस्या गंभीर होने पर व्यक्ति को हार्ट अटैक और दिल से जुड़े अन्य गंभीर रोगों के होने का खतरा बना रहता है। 

प्री-हाइपरटेंशन के लक्षण-
प्री-हाइपरटेंशन के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कई लोगों में तो इसके लक्षण ही नजर नहीं आते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं। 
-लगातार सिरदर्द।
-अत्यधिक थकान और चक्कर आना।
-बेचैनी और नींद की कमी।
-चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना।

प्री-हाइपरटेंशन के कारण-
-तनावपूर्ण जीवनशैली।
-अनहेल्दी फूड हैबिट्स।
-देर रात भोजन करना।
-फिजिकल एक्टिविटी का न होना।
-हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की समस्या।

प्री-हाइपरटेंशन से बचाव-
-हेल्‍दी भोजन करें
- नियमित व्‍यायाम 
- मोटापा कम करें
-धूम्रपान न करें
-शराब के सेवन से बचें
-चिंता मुक्‍त रहें।