Haryana: गेहूं की कीमत रिकॉर्ड स्तर 3100 रुपये प्रति क्विंटल पहुंची, FCI का गेहूं बाजार में आते ही आसमान छूते भावों में गिरावट

इससे गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है। शुक्रवार को जब बाजार में गेहूं पहुंचा तो 100 रुपये प्रति क्विंटल और गिरावट के साथ गेहूं का भाव 2650 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। उम्मीद है कि गेहूं के भाव में जल्द और गिरावट आ सकती है।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि दुनिया में रूस और यूक्रेन दोनों ही गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में गिने जाते हैं, लेकिन दोनों युद्ध में लगे होने के कारण गेहूं निर्यात पर ध्यान नहीं दे सके। इसे भारत सरकार ने समझ लिया था।
यही कारण रहा कि 2022 में पांच मिलियन टन गेहूं के निर्यात के बाद भारत सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। दूसरी ओर पिछले साल गेहूं का उत्पादन भी कहीं न कहीं प्रभावित रहा है। करनाल के बड़े गेहूं कारोबारियों का मानना है कि गेहूं की कमी की स्थिति को भांपते हुए निजी कारोबारियों ने भंडारण कर लिया, जिससे बाजार में गेहूं की कमी हो गई।
इसका असर यह हुआ कि गेहूं के भाव में अभूतपूर्व उछाल देखा गया। आटा महंगा होने से चिंतित भारत सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने भंडारों के मुंह खोलने का एलान किया। पिछले दिनों गेहूं के भाव 3100 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे, लेकिन जैसे ही सरकार ने एफसीआई से खुले बाजार में गेहूं उतारने का एलान किया, इसके बाद कीमतों में गिरावट आई। वीरवार को गेहूं का भाव 2750 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा। वहीं एफसीआई ने शुक्रवार को खुले बाजार में गेहूं उतार दिया है, जिसके बाद गेहूं के भावों में और गिरावट देखी जा रही है।
करनाल में बड़े गेहूं व्यापारी एवं किसान सेवा सेंटर के संचालक मनोहर लाल ने बताया कि उन्होंने अपनी फर्म के माध्यम से 500 एमटी गेहूं की मांग की थी, लेकिन उन्हें शुक्रवार को 100 एमटी गेहूं एफसीआई से मिला है। करनाल की एक अन्य फर्म को 8000 एमटी गेहूं पंजाब से मिला है। एफसीआई से गेहूं मिलने के बाद 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने से शुक्रवार को गेहूं का भाव 2650 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे बाजार में गेहूं आएगा, वैसे-वैसे अभी और गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं।