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Haryana: हरियाणा के किसानों की हुई मौज, बेमौसमी बारिश से ख़राब गेहूं और सरसों की फसलो का मुआवजा सीधा अकाउंट में भेजा, यहाँ करे चेक कितना आया है पैसा

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Haryana: हरियाणा के किसानों की हुई मौज, बेमौसमी बारिश से ख़राब गेहूं और सरसों की फसलो का मुआवजा सीधा अकाउंट में भेजा, यहाँ करे चेक कितना आया है पैसा
Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए निर्धारित समय से 15 दिन पहले ही बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जारी कर दिया है। 

मार्च व अप्रैल माह बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी की फसल को नुकसान पहुंचा था। तब मुख्यमंत्री ने बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी कराकर 15 जून तक हर हाल में मुआवजा जारी करने का भरोसा किसानों को दिलाया था।


CM खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला  ने भेजी राशी
CM खट्टर ने एक क्लिक से 181 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि सीधे प्रभावित किसानों के खातों में भेजी है। मुख्यमंत्री ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में मुआवजा राशि को स्थानांतरित किया है। 


उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मौजूदगी में 67,758 किसानों के खातों में यह राशि भेजी गई है। विभिन्न जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंडीगढ़ मुख्यालय से जुड़े।

'2.09 लाख एकड़ में फसलों की क्षति हुई'
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हमने फसल क्षति का विशेष सर्वेक्षण किया था। किसानों ने ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए 16 लाख 58 हजार एकड़ में फसल खराब होने का दावा करते हुए रजिस्ट्रेशन कराया था। 


गिरदावरी में पाया गया कि 18 जिलों में 2.09 लाख एकड़ में गेहूं, सरसों और तोरिया की फसलों की क्षति हुई है।


मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण था जरुरी
सीएम ने कहा कि संबंधित अधिकारी मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें समय पर मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि वे दिन गए जब किसान अपना मुआवजा पाने के लिए वर्षों इंतजार करते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को समय पर मुआवजा मिले।


इस लिंक से आप चैक कर सकते है अपना स्टेटस https://fasal.haryana.gov.in/farmer/kharabalogin


उन्होंने कहा कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल फसल नुकसान के समय आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।