किसानो के लिए खुशखबरी, हरियाणा में 17 लाख एकड़ फसल खराब का इतना मिलेगा मुआवजा, सरसों, कनक फसल खराब के लिए यहा करे शिकायत

हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से करीब 17 लाख एकड़ फसल अब तक खराब हुई है। मई तक पटवारियों के माध्यम से खराब फसल का मुआवजा देना संंभव नहीं था। इसलिए सरकार अब क्षतिपूर्ति सहायक लगाने जा रही है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा निवास में प्रेसवार्ता में बताया कि गांव के शिक्षित युवा क्षतिपूर्ति पोर्टल में डाटा अपलोड करने का काम करेंगे। खराब फसल की रिपोर्टिंग यह युवा पटवारियों के साथ मिलकर करेंगे। इसके लिए प्रति 500 एकड़ के सर्वे पर पांच हजार की राशि इन युवाओं को सरकार देगी।
फरवरी माह में जो नुकसान हुआ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक यह नुकसान 13 जिलों में हुआ। इसके बाद 24 मार्च तक 17 जिलों में नुकसान हुआ। उसके बाद जो फसल खराब हुई उसकी जानकारी आनी अभी बाकी है। एक लाख एकड़ से अधिक नुकसान चरखी दादरी, जींद, कैथल, महेंद्रग्रढ़, रेवाड़ी और सोनीपत में हुआ है।
सरसों, कनक फसल खराब के लिए यहा करे शिकायत https://fasal.haryana.gov.in/
पटवारियों पर गांव की जनता को भले ही शक हो लेकिन गांव का ही युवा इस कार्य में रुचि लेगा तो किसान का भरोसा भी सरकारी सिस्टम पर बढ़ेगा। क्षतिपूर्ति सहायक संबंधित जिले के डीसी के पास सर्वे के लिए आवेदन करेंगे। वहां से डीसी तय करेंगे कि किस युवा को इस काम में लगाना है। यह काम दो से तीन दिन में हो जाएगा। शर्त यह होगी युवाओं को कंप्यूटर की न्यूनतम जानकारी हो।
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डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी तक पोर्टल पर 16 लाख 83 हजार एकड़ फसल खराब होने का डाटा अपलोड हुआ है। 17 लाख एकड़ का सत्यापन राजस्व विभाग ने किया है। एक माह में सर्वे कर पाना मुमकिन नहीं था। इसलिए यह क्षतिपूर्ति सहायक लगाए जा रहे हैं। यह सहायक फसल बिक्री के आंकड़ों की जानकारी भी किसानों से लेने का काम करेंगे।
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तीन तरीके से किया जा रहा खराब फसल का आंकलन
हम तीन तरह से खराब फसल का आकलन कर रहे हैं। हरसेक के माध्यम से इमेज मैपिंग करवा रहे हैं, लेकिन कई स्थानों पर बिछी हुई और खड़ी फसल एक बराबर दिखती है। इसलिए दूसरा तरीका दृश्य तकनीक के माध्यम से ड्रोन मैपिंग का है। अब यह कार्य और जल्दी हो इसलिए फील्ड सर्वे के लिए क्षतिपूर्ति सहायक लगाए गए हैं।
500 एकड़ के बनाए जाएंगे ब्लाॅक
पहले गांव में जिन क्षेत्र में फसल खराब हुई है। वहां 500 एकड़ का एक ब्लाक बनाया जाएगा। यदि एक गांव में 500 एकड़ खराब है तो एक गांव अन्यथा साथ लगते दूसरे गांव को मिलाकर 500 एकड़ का ब्लाक बनाया जाएगा। उसके बाद यह क्षति पूर्ति सहायक तय किए जाएंगे।
इन दरों के हिसाब से मिलेगा मुआवजा
नुकसान(%) मुआवजा(प्रति एकड़)
25 से 50 फीसदी 9000 रुपये
50 से 75 12000 रुपये
75 से 100 15000 रुपये
महत्वपूर्ण प्वाइंट
500 एकड़ के ब्लाॅक में एक क्षतिपूर्ति सहायक नियुक्त किया जाएगा।
संबंधित ब्लाॅक में यह सहायक पटवारियों की सहायता का काम करेंगे।
खराब फसलों की जानकारी लेकर उनकी फोटो पोर्टल पर अपलोड करेंगे।