Big Breaking: मौसम ने ली करवट, तीन दिनों तक बारिश के साथ आंधी और ओलावृष्टि के आसार, फसलों को भारी नुकसान

शुक्रवार शाम को हिसार के बालसमंद, भिवानी जिले के झुपाकलां, बहल, मंदौली कलां, ईश्वरवाल, मोरकां, सैनीवास, सिंघानी, महेंद्रगढ़ के पचेरी कलां आदि में हल्की से मध्यम बारिश व कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई। डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि इस पश्चिमी विक्षोभ का असर 18 मार्च तक रहेगा। इसके साथ ही 19 मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। दोनों पश्चिमी विक्षोभ से प्री मानसून गतिविधियों की संभावना बन रही हैं। इस दौरान प्रदेश में न्यूनतम तापमान 14.5 से 19.8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।
सिरसा में शुक्रवार को सुबह से ही बादल छाने के बाद दिनभर ठंडी हवाएं चलती रहीं। जिसके कारण लोगों को गर्मी से तो राहत मिली लेकिन किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में हवा चलने के कारण गेहूं को हल्का नुकसान भी हुआ है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 18 डिग्री दर्ज किया गया है। हालांकि रात को घने बादल छाने के साथ तेज हव भी चलने से ठंड बढ़ी है। चरखी दादरी में बादल छाए रहे। ठंडी हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली।
भिवानी में गुरुवार देर रात चांग, बवानीखेड़ा क्षेत्र में बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चलीं। इसकी वजह से किसानों की गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई। फसल बिछने से नुकसान की आशंका है। बूंदाबांदी के कारण सरसों की कटाई भी थम गई। शुक्रवार सुबह शहर में भी बादल छाए रहे और बूंदाबांदी भी हुई। मौसम खराब होने की वजह से अनाज मंडी में भी किसान अपनी फसल लेकर नहीं पहुंचे। जो किसान पिछले दो-तीन दिनों से अपनी फसल लेकर आए हुए थे वे भराई और फसल का बारिश से बचाव करते नजर आए।
फतेहाबाद में शुक्रवार सुबह मौसम में अचानक बदलाव आया और तेज हवा चलने लगी। हवा चलने व आसमान में हल्की बादलवाही के कारण तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट आई है। फतेहाबाद में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री व न्यूनतम तापमान 15 डिग्री दर्ज किया गया। 13.7 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। फिलहाल जिले में सरसों की फसल की कटाई चल रही है, वहीं गेहूं की फसल को अंतिम सिंचाई दी गई है। ऐसे में अगर बारिश के साथ हवा चलती है तो किसानों की सरसों व गेहूं की फसल बिछ जाएगी और उनको नुकसान होगा।
मौसम ने ली फिर करवट। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न भागों में गरज के साथ हल्की बारिश हुई। यूपी में झांसी समेत कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिन तक देश के अधिकतर भागों में हल्की बारिश के साथ आंधी व ओलावृष्टि के आसार हैं। यूपी के बाराबंकी में बिजली गिरने से एक की मौत हो गई। वहीं, कुशीनगर में बिजली गिरने से तीन लोग झुलस गए।बारिश के साथ चली तेज हवा
यूपी में बारिश के साथ तेज हवा चली, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई है तो वहीं सरसों की फलियां टूट गईं। उधर आलू को वैसे तो कोई नुकसान नहीं हुआ पर इससे आलू की खोदाई अवश्य प्रभावित हुई। उधर मौसम विभाग आगे भी बारिश और तेज हवा चलने की आशंका जता रहा है। खास तौर से 20 व 21 मार्च को तेज बारिश होने की बात कही जा रही है। यानी किसानों के लिए अगला एक सप्ताह भी संकट भरा रहने वाला है।
गुरुवार की रात अचानक बारिश शुरू हो गई। साथ ही तेज हवा भी चली। मौसम विभाग इसकी चेतावनी पहले ही दे चुका था। उधर गेहूं की जो फसल पक गई है वह बारिश के कारण बालियां टूटने से बुरी तरह से प्रभावित हुई। तेज हवा के कारण फसल गिर गई। उधर सरसों पर बारिश और हवा दोनों का बुरा असर पड़ा। आलू की खोदाई चल रही है। आलू किसान तो वैसे ही परेशान हैं। जहां बारिश हुई, वहां खोदाई रुक गई। इस बारिश से आम का बौर झड़ गया। पश्चिमी और मध्य यूपी में ज्यादा बारिश हुई। हालांकि मौसम विदों का कहना है कि 20 और 21 मार्च को बारिश व हवा की की तीव्रता अधिक रह सकती है।
यूपी में अगले पांच दिनों तक गरज-वर्षा की संभावना
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के मौसम विज्ञानी डाक्टर यूपी शाही कहते हैं कि अगले पांच दिन तक अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है। मेरठ, मुजफरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, नोएडा, अलीगढ़, गाजियाबाद, रामपुर, बिजनौर में हल्की वर्षा, बदायूं संभल, फर्रुखाबाद, सहारनपुर में मध्यम वर्षा और बरेली, पीलीभीत में मध्यम से तेज वर्षा के आसार हैं। प्रयागराज, कौशांबी आदि में चना आदि फसलों की कटाई चल रही है। यदि आगे बारिश हुई तो नुकसान होगा। वाराणसी में हल्की बूंदाबांदी हुई पर यदि तेज बारिश हुई गेहूं, सरसों, आम को काफी नुकसान हो सकता है। उधर यदि बारिश तेज हो गई तो सभी सब्जियां प्रभावित होंगी।
एडवाइजरी जारी
कृषि विभाग ने खड़ी फसल में सिंचाई न करने को कहा है। जहां बारिश नहीं हुई और सरसों पक गई है वहां फसल की कटाई तत्काल करने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि ओलावृष्टि हो गई गेहूं, सरसों आदि सभी फसलें ज्यादा प्रभावित हो जाएंगी। यदि फसल 15 से 20 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई हो तो साफ आसमान में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करने की सलाह दी जाती है।
यदि ज्यादा नुकसान हो तो जायद के लिए खेत तैयार करें। इसके अलावा कटी फसल को पॉलीथिन से ढकने को कहा गया है। इस बारिश से मक्का, उर्द, मूंग में कम अंकुरण होगा। चना, मटर, मक्का, और मूंगफली के खेतों में जल जमाव के कारण बीज विस्थापन के परिणामस्वरूप खराब अंकुरण हो सकता है। इसी तरह तेज हवाएं फसलों को प्रभावित करेंगी।