Aaj Ka Mousam: लगातार बढ़ती गर्मी से किसानों की बढ़ी चिंता, गेहूं की फसल को नुकसान से बचाने के लिए करे यह उपाय

कपूरथला जिले के किसान परविंदर सिंह की तरह राज्य के अधिकांश गेहूं उत्पादक किसान इन दिनों चिंता में हैं। किसानों का कहना है कि इस फसल (गेहूं) को बहुत गर्म दिनों की जरूरत नहीं है। अगर तापमान कई दिनों तक सामान्य से ऊपर बना रहा तो यह गेहूं की फसल पर बुरा असर डाल सकता है।
गौरतलब है कि जहां पंजाब और हरियाणा में अधिकतम तापमान कई दिनों से सामान्य सीमा से ऊपर चल रहा है, वहीं न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि 'तापमान में अचानक वृद्धि और कई दिनों तक जारी रहना अनाज की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित कर सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट देखी गई है और सुबह ठंडक भरी है। फिर भी इस समय दोपहर के समय गर्म मौसम एक बड़ी चिंता है।'
पंजाब-हरियाणा में अभी हालात चिंताजनक नहीं
पंजाब के कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह का कहना है कि अभी हालात चिंताजनक नहीं हैं। किसानों को जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है। जिन किसानों के पास स्प्रिंकलर सिंचाई की सुविधा है, वे तापमान में और वृद्धि होने की स्थिति में दोपहर में 25-30 मिनट के लिए स्प्रिंकलर से अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं। जिन किसानों ने मल्चिंग विधि से गेहूं की बुआई की है, उन्हें तापमान में वृद्धि का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है, हालांकि किसानों को सलाह दी गई है कि मार्च के मध्य में अधिकतम तापमान में वृद्धि जारी रहने की स्थिति में हल्की सिंचाई जैसे उपाय करने के लिए तैयार रहें।
पिछले साल मार्च की गर्मी से गिरा था उत्पादन
पंजाब में 2022 में मार्च महीने के दौरान असामान्य रूप से तेज गर्मी होने के चलते गेहूं का उत्पादन गिर गया था। पिछले साल जनवरी में तो बारिश हुई लेकिन बाद में फरवरी और मार्च में तापमान बढ़ गया। यदि दाने बनने की अवस्था में मौसम कई दिनों तक काफी गर्म रहता है तो इससे दाना सिकुड़ जाता है और फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कृषि विभाग के मुताबिक, पिछले साल पंजाब में गेहूं का उत्पादन 148 लाख टन हुआ था, जो उससे पिछले साल की तुलना में 14 फीसदी कम रहा। इस साल 34.90 लाख हेक्टेयर रकबे में उगाई गई गेहूं की फसल से 167-170 लाख टन उत्पादन हासिल होने का लक्ष्य रखा गया है।