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Haryana News: गन्ना किसानों को फिलहाल 450 रुपये क्विंटल नहीं, पिछले साल का ही मिलेगा दाम

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Haryana News: गन्ना किसानों को फिलहाल 450 रुपये क्विंटल नहीं, पिछले साल का ही मिलेगा दाम

हरियाणा के गन्ना किसानों को 450 रुपये क्विंटल नहीं बल्कि पिछले साल का ही दाम मिलेगा। इसकी पुष्टि हरियाणा सहकारी गन्ना मिल प्रसंघ ने की है। रविवार को हरियाणा के कई जिलों में गन्ना किसानों ने धरना-प्रदर्शन और सड़कों को जाम किया था। गन्ना किसानों का आरोप है कि एक दिन बाद हरियाणा की शुगर मिलों मे गन्ने की पिराई को 50 दिन होने जा रहे हैं और दाम अभी तय नहीं हुए हैं। किसानों ने प्रति क्विंटल दाम 450 रुपये करने और गन्ने का भुगतान नहीं होने जैसे मुद्दों को भी उठाया था। 

किसान 25 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान यह एलान कर चुके हैं कि अगर उनकी मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो आंदोलन का स्वरूप और बढ़ा किया जाएगा। अब गन्ना किसान अगले दिनों में धरने प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। वहीं हरियाणा सहकारी गन्ना मिल प्रसंघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति क्विंटल गन्ने का दाम 362 रुपये तय हो चुका है। बताया गया है कि यही दाम गन्ना पिराई के पिछले सत्र में था। 


हरियाणा सहकारी गन्ना मिल प्रसंघ के फाइनेंस एडवाइजर वीरेंद्र ढुल ने बताया कि अभी पिराई शुरू हुई है। सहकारी मिलों का ज्यादा भुगतान नहीं है। संभव है कि प्राइवेट मिलों के भुगतान की राशि ज्यादा हो। उन्होंने बताया कि गन्ना का दाम सरकार ने तय कर दिया है। यह दाम पिछले सत्र वाला ही रहेगा। बता दें कि पिछले सत्र में गन्ना के प्रति क्विंटल दाम 362 रुपये था और इस बार किसान गन्ने के दाम 450 रुपये करने की मांग कर रहे हैं।

चेयरमैन ने की थी गन्ने के दाम बढ़ाने की सिफारिश
हरियाणा सहकारी गन्ना मिल प्रसंघ के चेयरमैन रामकरण काला भी मुख्यमंत्री से गन्ने के दाम बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने गन्ने के दाम 40 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की मांग रख चुके हैं। उन्होंने 15 दिसंबर 2022 को लिखित पत्र के माध्यम से इच्छा जताई थी कि प्रदेश में गन्ना किसानों के बढ़ते  आंदोलनों को रोकने के लिए गन्ने के प्रति क्विंटल दाम में 40 रुपये का इजाफा किया जाए।