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भारत की कृषि क्षेत्र में बड़ी कामयाबी, 50 किलो DAP के बराबर होगा 500ml की बोतल, बोरियां उठाने से भी राहत

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भारत की कृषि क्षेत्र में बड़ी कामयाबी,50 किलो DAP के बराबर होगा 500ml की बोतल, बोरियां उठाने से भी राहत

नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी भी तरल रूप में बोतलों में बंद नजर आएगी। इस योजना पर सहकारी संस्था इफको ने सभी राज्यों में परिक्षण शुरू कर दिए हैं। अगले साल तक नैनो डीएपी तरल किसानों को उपलब्ध हो सकेगी। सभी राज्यों में फसलों पर इसके परीक्षण जारी हैं। उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं। भारत सरकार की मंजूरी मिलने पर यह किसानों को वाजिब दाम पर उपलब्ध होगी।

इससे किसानों को जहां आर्थिक लाभ होगा, वहीं नैनो यूरिया की तरह यह उत्पाद भी पर्यावरण संरक्षण में उत्तम साबित होगा। इफको के राज्य विपणन प्रबंधक हरमेल सिंह ने बताया कि नैनो डीएपी के परीक्षण एक वर्ष से भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के अंतर्गत सभी कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा किसानों के खेतों में किए जा रहे हैं। भविष्य में इफको की अन्य पौषक तत्वों को भी नैनो तकनीक से किसानों के बीच बड़े स्तर पर लाने की योजनाएं हैं।

500 एमएल तरल खाद की गुणवत्ता 50 किलो के बराबर

इफको नैनो यूरिया तरल विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने गत वर्ष किसानों को उपलब्ध करवाया था। इफको के राज्य विपणन प्रबंधक हरमेल सिंह ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में पंजाब में नैनो यूरिया की करीब 18 लाख बोतल बिक्री हुई। इसके प्रयोग से मिट्‌टी, हवा व पानी को दूषित होने से बचाया जा सकता है। पौधों पर कीट और बीमारियों का हमला भी कम होता है।

परंपरागत यूरिया से इसकी कीमत भी 10 प्रतिशत कम है। फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है। 500 एमएल खाद वाली बोतल की गुणवत्ता 50 किलो खाद के बराबर है। यह सहकारी समितियों, इफको किसान सेवा केंद्रों व बाजार में उपलब्ध है। ट्रांसपोर्ट व भंडारन भी आसान है। दलहनी फसलों मूंग आदि में कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा यूरिया की अनुशंसा न होने के बावजूद किसानों ने इसका प्रयोग कर बेहतर उत्पादन लिया। फसल की गुणवत्ता भी बढ़ी। यहां पानी की कमी है वहां किसानों ने नैनो यूरिया से फसलों की अच्छी पैदावार ली है।

ऐसे बढ़ाएं नैनो यूरिया की उपयोगिता

हरमेल सिंह के अनुसार उपयोग से पहले नैनो यूरिया बोतल को अच्छी तरह हिलाएं।

स्प्रे में कट नोजल वाला फव्वारे इस्तेमाल करें।
गर्मी में पत्तों के स्टोमेटा पौधे के अंदर नमी के स्तर को बनाए रखने के लिए बंद रहते हैं। ऐसे समय में सुबह या शाम को स्प्रे करना लाभकारी है।


शीत ऋतु में ओस सूखने तक स्प्रे न करें। नैनो यूरिया घुलनशील सभी खादों के साथ मिला स्प्रे कर सकते हैं, लेकिन घोल अलग-अलग बनाएं।


काफी कीटनाशकों व फफूंदीनाशकों से मिला स्प्रे कर सकते हैं। इसकी सूची सहकारी समिति,इफको के किसान सेवा केंद्रों व अफसरों से ले सकते हैं।


पंप से पहले कीटनाशक की स्प्रे की है तो अच्छी तरह साफ कर इस्तेमाल करें। स्प्रे साफ से करें।