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छत्तीसगढ़ में BJP के नैरेटिव का मुकाबला करने को कांग्रेस का क्या है प्लान? भूपेश बघेल ने खोले अपने पत्ते

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छत्तीसगढ़ में BJP के नैरेटिव का मुकाबला करने को कांग्रेस का क्या है प्लान? भूपेश बघेल ने खोले अपने पत्ते

छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। ऐसे में भाजपा जहां भूपेश बघेल की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस की ओर से केंद्र की भाजपा सरकार पर ईडी-सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग लगाए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा उनकी सरकार के अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी के बीच यह आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​लोगों पर "उनका नाम लेने" और उन्हें फंसाने का दबाव बना रही थीं। उन्होंने कहा कि बेवजह उनके खिलाफ आरोप उछाले गए थे और अगर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने विश्वास जताया कि इन आरोपों का चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस इंटरव्यू में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर पलटवार किए हैं। इसके साथ उन्होंने सियासी समर में भाजपा का मुकाबला करने की अपनी योजनाओं पर भी खुलकर बात की।

इस पर उन्होंने कहा कि आपका प्रश्न ₹2,000 करोड़ के घोटाले के आरोप पर आधारित है। उन्होंने जो चल-अचल संपत्तियां जब्त की हैं, वे कुल ₹200 करोड़ भी नहीं हैं। वे अपनी छापेमारी में 2018 से पहले बनी अचल संपत्तियों को जोड़ रहे हैं। मैं आपको बता सकता हूं कि ईडी के पास अपना खुद का ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) नंबर नहीं है और इसके बिना वे कार्रवाई नहीं कर सकते। ईडी तब तक जांच नहीं कर सकता जब तक कि कोई अनुमानित अपराध न हो। ईडी जो कर रही है वह पूरी तरह से अवैध है। हाल ही में ₹26 करोड़ के आभूषणों के साथ पकड़ा गया एक शराब फैक्ट्री का मालिक ईडी का गवाह बना है।

कथित कोयला लेवी घोटाले में आपके उप सचिव सहित कई लोगों को जेल में डाल दिया गया है?
मेरी डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया पर 2020 के बाद से तीन बार ईडी और आईटी का छापा पड़ा है। वह शायद देश की इकलौती अधिकारी हैं, जिन पर इतनी बार रेड पड़ी है। इन छापों से पहले उन पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं थे। एजेंसियों को हमें बताना चाहिए कि उन्होंने उसके घर से क्या बरामद किया।

आपने सत्ता में आने पर भाजपा के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, क्यों?
ज्यादातर मामलों में जहां हमने एसआईटी का गठन किया, अभियुक्तों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, उन्हें या तो अग्रिम जमानत मिली या स्थगनादेश मिला और तब से सुनवाई नहीं हुई है। नियमानुसार पालन किया जा रहा है।

क्या आपको लगता है कि इन घोटालों का असर आने वाले चुनावों पर पड़ेगा?
नहीं, चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जनता सब जानती है। हमारी सरकार में कोयले की ढुलाई शुरू नहीं हुई और ज्यादातर कोयला खदानें भारत सरकार की हैं। एसईसीएल की 52 खदानें हैं। तो अगर एसईसीएल से जुड़ा कोई घोटाला था तो एसईसीएल के कर्मचारी क्यों नहीं पकड़े गए, उनसे पूछताछ क्यों नहीं की जा रही?

क्या आपको अगली बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है?
प्रवर्तन निदेशालय किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने हेमंत सोरेन जी, केजरीवाल जी, हमारे राष्ट्रीय नेताओं राहुल जी और सोनिया जी को तलब किया है। हमारे राष्ट्रीय नेताओं की तुलना में मैं बहुत छोटा आदमी हूं।