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बेमौसम बारिश का कहर, मौसम विभाग बोला- अभी फसल न काटें पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसान

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बेमौसम बारिश का कहर, मौसम विभाग बोला- अभी फसल न काटें पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसान

IMD Unseasonal rain Alert: बेमौसम बारिश किसानों के लिए एक बार फिर से आफत बनकर आई है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते गेहूं, सरसों और चने जैसी फसल को कटाई शुरू होने से ठीक पहले भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस बीच किसानों के लिए भारत के मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है। इसने कहा है कि मध्य, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में प्रमुख उत्पादक राज्यों में अगले 10 दिनों में अधिक बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है।

फसलों की कटाई फिलहाल टाल दें किसान
पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले कुछ दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की आशंका के मद्देनजर भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों को सलाह दी है कि वे गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई फिलहाल टाल दें। पकी हुई फसलों के मामले में आईएमडी ने किसानों को कुछ राज्यों में सरसों और चना जैसी फसलों की जल्द से जल्द कटाई करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर संग्रहीत करने की सलाह दी है। किसानों को फसल गिरने से बचाने के लिए गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं करने को भी कहा गया है।

इन राज्यों में हो रही ओलावृष्टि
आईएमडी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में देश के अधिकांश हिस्सों में हल्की या मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़े हैं। पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश में रायलसीमा और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में ओलावृष्टि हुई। आईएमडी ने अपने नवीनतम पूर्वानुमान में कहा कि 19 मार्च को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर आंधी, बिजली, तूफान और ओलावृष्टि होने की संभावना है तथा 20 मार्च को पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और उत्तराखंड में 21 मार्च को ऐसा ही होने की संभावना है।

इसमें कहा गया है कि तेज हवा एवं ओलों से खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है, खुले स्थानों पर लोग और मवेशी घायल हो सकते हैं और तेज हवाओं के कारण कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान हो सकता है। इस संभावित परिदृश्य में, आईएमडी ने किसानों को ‘‘पंजाब, हरियाणा और पश्चिम मध्य प्रदेश में फसलों की कटाई को टालने की सलाह दी है और यदि पहले से ही कटाई हो चुकी है, तो नुकसान से बचने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भंडारित करने को कहा है।’’

जल्द से जल्द कटाई कर सुरक्षित जगह पर रख लें
किसानों को फसल पौधे को गिरने से बचाने के लिए गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं करने को भी कहा गया है। राजस्थान के किसानों को सलाह दी गई है कि वे परिपक्व सरसों और चना की जल्द से जल्द कटाई कर सुरक्षित स्थान पर भंडारण कर लें। इसी तरह पूर्वी मध्य प्रदेश के किसानों को सरसों, चना और गेहूं की तत्काल कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखने को कहा गया है। महाराष्ट्र में किसानों से तुरंत गेहूं, दाल और अंगूर की फसल काटने को कहा गया है।

आईएमडी ने कहा, ‘‘मराठवाड़ा में फसलों की कटाई फिलहाल रोक दें। बारिश से बचाने के लिए अंगूर के गुच्छों पर ‘स्कर्टिंग बैग’ (ढंकने वाले बैग) या एल्यूमीनियम-परत वाले कागज का उपयोग करें। बागों की रक्षा के लिए ओला जाल का उपयोग करें।’’ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में गेहूं के प्रजनक राजबीर यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मौजूदा बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा गेहूं की खड़ी फसल के लिए अच्छी नहीं है और इससे इसकी पैदावार प्रभावित हो सकती है। गेहूं रबी (सर्दियों) की प्रमुख फसल है और देश के कुछ हिस्सों में इसकी कटाई शुरू हो चुकी है। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए 11.22 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।