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इमरान खान को गिरफ्तार करने फिर पहुंच रही पुलिस, जज बोले- सरेंडर कर दोगे तो...

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इमरान खान को गिरफ्तार करने फिर पहुंच रही पुलिस, जज बोले- सरेंडर कर दोगे तो...

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी अभी टली नहीं है। पुलिस एक बार फिर लाहौर में इमरान खान के घर के पास इकट्ठा होना शुरू हो गई है। पुलिस इमरान के घर से करीब पांच मिनट की दूरी पर खड़ी है। इमरान के समर्थकों से निपटने के लिए जमान पार्क आवास के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर शिपिंग कंटेनर रखे गए हैं। इस बीच पूर्व पीएम के समर्थक एक बार फिर से उनके आवास के पास पहुंचने लगे हैं। इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और सेना के जवानों को तैनात किया था लेकिन वे बुधवार को पीछे हट गए थे।

बता दें कि पाकिस्तान की एक अदालत ने इमरान खान को अस्थायी राहत प्रदान करते हुए उनके आवास के बाहर पुलिस को शुक्रवार (17 मार्च) तक कार्रवाई रोकने का आदेश दिया है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय में पुलिस कार्रवाई को चुनौती दी थी और अदालत से सरकार को इसे समाप्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

जज ने रखी शर्त- सरेंडर कर दो इमरान
इस बीच अतिरिक्त जिला एवं सत्र (एडीएसजे) न्यायाधीश जफर इकबाल ने गुरुवार को कहा इमरान खान के आगे एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा कि अगर इमरान खान अदालत में सरेंडर कर देते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक देंगे। तोशखाना मामले में पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुई है। न्यायाधीश ने पार्टी से यह भी आग्रह किया कि वह अपने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कानून के साथ सहयोग करने और इसका विरोध न करने के लिए कहे।

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत से कोई भी राहत मांगने से पहले खान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना चाहिए। खान के वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हलफनामा देकर कहा कि उनके मुवक्किल 18 मार्च को अदालत में पेश होंगे। न्यायाधीश ने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री मौजूद नहीं हैं तो हलफनामे का क्या मतलब है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि इमरान अदालत आयें। वह क्यों नहीं आ रहे हैं? कारण क्या है? इमरान खान को पुलिस के साथ असहयोग नहीं बल्कि कानूनन सहयोग करना ही होगा। ’’ खान के वकील खवाजा हैरिस ने स्पष्ट किया कि वह 18 मार्च को अदालत में पेश होने के संबंध में हलफनामा देना चाहते हैं।

इसपर न्यायाधीश ने कहा कि यदि खान अदालत में आत्मसमर्पण करते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक देंगे। अदालत ने कहा, ‘‘ कानूनन, इमरान को सीधे अदालत में लाया जाना चाहिए था.... अदालत में पेशी के दौरान उन्हें परेशान किया जाना संभव ही नहीं होता।’’ न्यायाधीश ने कहा कि यदि खान अदालत में पेश होते तो उनके निवास के बाहर पुलिस को बैठे रहने की जरूरत नहीं होती है और गरीब देश होने के नाते पाकिस्तान ऐसे मामलों में अपने संसाधनों का व्यय नहीं झेल सकता।

70 वर्षीय इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं। इसी मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। ईसीपी के केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इमरान खान को सरेंडर करने की सलाह दी। 

PSL के चलते पीछे हटी थी पुलिस
इससे पहले सूत्रों के हवाले से ‘जियो न्यूज’ ने बताया कि पुलिस, पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) क्रिकेट मैच जारी रहने तक इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास की ओर नहीं बढ़ेगी, जिसमें विदेशी खिलाड़ी भी खेल रहे हैं। बुधवार को पुलिस और अन्य सुरक्षा अधिकारियों को जमान पार्क से जाते देखा गया जिसके बाद खान के समर्थकों ने जश्न मनाया और रेंजर्स का पीछा करते हुए नारे लगाए। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान तरहीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान गैस मास्क लगाए अपने आवास से बाहर निकले और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

इससे पहले दिन में प्रशासन ने खान के आवास के बाहर रेंजर्स को तैनात किया था। इससे एक दिन पहले खान के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प में 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे जिसमें 54 पुलिसकर्मी थे। घायलों को लाहौर के अस्पताल में भर्ती किया गया है और पुलिस ने खान के कई समर्थकों को हिरासत में लिया है। अस्पताल के सूत्रों के हवाले से ‘जियो न्यूज’ ने बताया कि मंगलवार दोपहर से जारी झड़पों में कम से कम 54 पुलिसकर्मी और आठ आम नागरिक घायल हुए हैं। खान के समर्थक रात भर पुलिस से बार-बार भिड़ते रहे।

युद्ध के मैदान जैसा मंजर
अपने नेता को गिरफ्तार किए जाने से रोकने के दौरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद लाहौर के जमान पार्क इलाके में किसी युद्ध के मैदान जैसा मंजर था, जहां सड़कों पर आंसू गैस के गोले, जले हुए टायर और वाहनों का मलबा बिखरा पड़ा नजर आ रहा है। इस झड़प में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 1974 में स्थापित तोशखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है और अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए कीमती उपहारों को संग्रहीत करता है। अपने आवास से राष्ट्र के नाम एक वीडियो संबोधन में खान ने बुधवार को कहा कि उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठान से इस ‘तमाशे’ को खत्म करने को कहा है। पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने खान के भाषण का प्रसारण नहीं किया। उनकी पार्टी ने कहा कि मीडिया ‘‘शीर्ष पर बैठे लोगों’’ के आदेश पर भाषण के कवरेज को नहीं दिखा रहा है।