विपक्षी नेताओं की बैठक, कांग्रेस को थैंक्यू क्यों बोल रही भाजपा? स्मृति ईरानी ने बताई वजह

बिहार की राजधानी पटना में चल रही विपक्षी नेताओं की बैठक को लेकर भाजपा नेता खुश नजर आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पटना में विपक्ष की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है कि वे अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की जरूरत है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता आज बिहार के पटना में हो रही विपक्षी नेताओं की बैठक का जिक्र कर रही थीं।
स्मृति ईरानी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं विशेष रूप से कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए धन्यवाद देती हूं कि वे अकेले पीएम मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है।" ईरानी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हास्यास्पद है कि कांग्रेस के राज में ऐसे राजनेता इकट्ठा हो गए हैं जिन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या का नजारा खुद देखा था।
भारतीय जनता पार्टी ने अपने खिलाफ मोर्चा बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि कांग्रेस दूसरे दलों का समर्थन इसलिए मांग रही है क्योंकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने में असमर्थ’ है। अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का खाका तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शुक्रवार को पटना में बैठक कर रहे हैं। बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने की।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां भाजपा मुख्यालय में जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘विडंबना’ है कि आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र की हत्या’ के गवाह रहे कुछ नेता पटना में कांग्रेस की छत्रछाया में एकत्र हुए हैं। ईरानी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से कांग्रेस का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिसने सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिया है कि वह अकेले मोदी को हराने में नाकाम है। इसलिए उसे सहारे की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता महलों से निकलकर लोगों के पास चली गई है। यही कारण है कि जो लोग अपनी राजनीतिक विरासत पर घमंड करते हैं, उन्हें अब उन लोगों के पास जाना पड़ रहा है जिनको उन्होंने आपातकाल के दौरान सलाखों के पीछे डाल दिया था।’’