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चार धाम यात्रा 2023 में यात्रियों को सुविधाएं मिल जाएं मेरी यात्रा तो उसी में सफल हो जाएगी...परिवहन मंत्री चंदनराम दाम

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चार धाम यात्रा 2023 में यात्रियों को सुविधाएं मिल जाएं मेरी यात्रा तो उसी में सफल हो जाएगी...परिवहन मंत्री चंदनराम दाम

बस भाई साहब, अब अल्मोड़ा से लौट आऊं। फिर चारधाम यात्रा पर ही फोकस करना है। इस बार यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने देनी है। मैं रोज अफसरों से अपडेट ले रहा हूं। सोमवार को एमएसएमई पालिसी को लेकर जब परिवहन मंत्री चंदनराम दास से बात की तो वो चारधाम यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित थे।

उनका कहना था कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की पहचान से जुड़ी है। इसलिए यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराना परिवहन विभाग का धर्म है। हर यात्री को सरल, सुगम और सुरक्षित यात्रा मिल जाए मेरी यात्रा तो वहीं सफल हो जाएगी। परिवहन मंत्री के रूप में दास का कार्यकाल छोटा तो रहा।

लेकिन इस पूरा वक्त वो आम जन को परिवहन सेवाएं देने, छोटे उघमियों के लिए रियायतें और कायदे के पक्के मंत्री के रूप में उभरे। स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद दास ने कभी खुद पर बीमारी को हावी नहीं होने दिया। पिछले दिनों परिवहन विभाग की बैठकों और प्रेस कांफ्रेस में वो हमेशा की तरह जिंदादिल अंदाज में रूबरू हुए। 

रोडवेज डिपो का विलय रोका, डीएल सिस्टम को झाझरा न जाने दिया 
परिवहन मंत्रालय मिलने के बाद सबसे पहली चुनौती दास पर रोडवेज के डिपो के विलय के विरोध के रूप में आई। रोडवेज प्रबंधन ने खर्चों में कटौती के लिए करीब चार डिपो को समाप्त करते हुए उनका विलय कर दिया था। लोगों के विरोध करने पर तत्काल ही उन्होंने तत्कालीन परिवहन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा और रोडवेज की तत्कालीन एमडी रंजना राजगुरू को सख्ती से विलय के आदेश को निरस्त करने के आदेश दिए।

हालांकि अधिकारी सहमत नहीं थे, लेकिन मंत्री के सख्त रूख की वजह से फैसला वापस लेना पड़ा।  इसी प्रकार देहरादून में आरटीओ कार्यालय से ड्राइवेंस लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को झाझरा शिफ्ट किया जा रहा था। इस फैसले से जनता को होने वाली परेशानी को महसूस करते हुए उन्होंने इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

कायदे के पक्के पर राहत देने के बीच का रास्ता भी निकला
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर दास का स्टैंड बिलकुल साफ था। परिवहन कारोबारी चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों को वीएलटीडी सिस्टम से जोड़ने की व्यवस्था से छूट मांग रहे थे। यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा मामला होने की वजह से दास इस पर अड़ गए। हालांकि बीच का रास्ता निकालते हुए उन्होंने कुछ दिन की रियायत जरूर दे दी, लेकिन तमाम विरोध और दबाव क बावजूद वीएलटीडी सिस्टम को लेकर उन्होंने कदम पीछे नहीं खींचे।


सरकारी कोठी छोड़ निजी आवास में हो गए थे शिफ्ट
चंदन अपनी बीमारी की वजह से काफी परेशान थे। आए दिन उपचार के लिए अस्पताल जाने की वजह से परिजनों ने उन्हें सरकारी कोठी छोड़ने की सलाह दी। यमुना कालोनी स्थित सरकारी कोठी में वास्तु दोष मानते हुए वो रेसकोर्स स्थित एक अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए थे।

सुरेंद्र राकेश, प्रकाश पंत के बाद चंदन न देख पाए पूरा कार्यकाल
चंदनराम दास प्रदेश के तीसरे मंत्री थे, जो अपना कार्यकाल पूरा कर पाए। उनसे पहले बसपा विधायक परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री सुरेंद्र राकेश का भी बीच कार्यकाल में निधन हो गया था। उनके बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत भी कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए थे। अब चंदन का भी बीच कार्यकाल में ही असमय निधन हो गया।