Haryana News

H3N2 का कहर, सीधे ICU में भर्ती हो रहे पीड़ित बच्चे; इस उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा

 | 
H3N2 का कहर, सीधे ICU में भर्ती हो रहे पीड़ित बच्चे; इस उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा

भारत में एच3एन2 इंफ्लुएंजा के मामलों में अचानक वृद्धि ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया है। महाराष्ट्र के पुणे शहर में हालात खराब हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 5 साल से कम उम्र से बच्चों को H3N2 इंफ्लुएंजा से सबसे ज्यादा खतरा है। H3N2 इंफ्लुएंजा से पीड़ित ज्यादातर बच्चे सीधे गहन देखभाल इकाइयों (ICU) में भर्ती हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि इन रोगियों में से अधिकांश पर दवाओं, विशेष रूप से एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं हो रहा है। 

पुणे में तेजी से फैल रहे मामले

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से पुणे में कुल 2,529 नमूनों में से 428 (लगभग 17%) पॉजिटिव आए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईवी की वैज्ञानिक डॉ. वर्षा पोतदार ने कहा कि ये नमूने पुणे जिले में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARI) के लक्षणों वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों के थे। आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी के दूसरे पखवाड़े में H3N2 वायरस के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। 

पूरी तरह से भरे हुए हैं ICU

भारती अस्पताल में बाल चिकित्सा आईसीयू की प्रभारी डॉ भक्ति सारंगी ने कहा, "हमारे आईसीयू पिछले 4-6 सप्ताह से पूरी तरह से भरे हुए हैं। हम शिशुओं और (5 साल से कम उम्र के) प्री-स्कूली बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित होते हुए देख रहे हैं। उनमें से कुछ लिवर की समस्याओं और यहां तक कि ब्लड प्रेशर की विसंगतियों से भी जूझ रहे हैं। उन्हें इनवेसिव या नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता होती है। उनमें से अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। आम शिकायतें सांस फूलना, खांसी और बुखार हैं। निमोनिया जैसे लक्षण भी कई दिनों तक बने रहते हैं। H3N2 के अलावा, हम एडेनोवायरस के कारण भी ICU में अधिक मरीजों को भर्ती होते देख रहे हैं।"


सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं
मौजूदा हालातों की पुष्टि करते हुए दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के इंटेंसिविस्ट डॉ. भरत पुरंदरे ने कहा, "न केवल एच3एन2 मामलों में वृद्धि हुई है, बल्कि कोविड-19 और एच1एन1 रोगियों में भी वृद्धि हुई है। सभी प्रकार की सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं।" महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन्फ्लुएंजा ए का सबटाइप H3N2, अन्य इन्फ्लूएंजा सबटाइप की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण प्रतीत होता है। वर्तमान में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARI) वाले अस्पताल में भर्ती रोगियों में से, लगभग 92% को बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलने और 16% को घरघराहट के लक्षणों के साथ पाया गया है। 

H3N2 संक्रमण वाले बच्चों में सबसे आम लक्षण तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया हैं। ऐसे बच्चों के ठीक होने की अवधि लगभग 7-8 दिन होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि कुछ मामलों में, जहां बच्चा कुपोषित है या उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उसे बुखार कम होने में लगभग 10 दिन लग सकते हैं।