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किंझाल मिसाइलों से यूक्रेन में तबाही, US पर भी नहीं जवाब; कितना मारक है रूस का ब्रह्मास्त्र

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किंझाल मिसाइलों से यूक्रेन में तबाही, US पर भी नहीं जवाब; कितना मारक है रूस का ब्रह्मास्त्र

यूक्रेन में रूस के हमले एक बार फिर से तेज हो गए हैं। रूस ये हमले सुपरसोनिक मिसाइलों के जरिए कर रहा है। इसके चलते यूक्रेन में कई स्थानों पर बिजली कट गई है। इसके अलावा जापोरिझ्जिया स्थित यूक्रेन के सबसे परमाणु पावर प्लांट में भी बिजली चली गई। यूक्रेन की सेना के मुताबिक रूस ने 6 हाइपरसोनिक किंझल मिसाइलों के जरिए ये हमले किए हैं। इन मिसाइलों के बारे में कहा जा रहा है कि ये आवाज की गति से भी ज्यादा तेजी से उड़ती हैं। इसकी वजह से जमीन से इन पर मार नहीं की जा सकती यानी रूस की ये मिसाइलें अभेद्य है। यहां तक कि यूक्रेन को समर्थन देने वाले नाटो देशों के पास भी इन मिसाइलों का कोई जवाब नहीं है। आइए जानते हैं, क्या हैं इस मिसाइल की खासियतें...

क्या होती हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें 
हाइपरसोनिक मिसाइलों की रफ्तार आवाज की गति से भी 5 गुना ज्यादा होती है। इनकी रफ्तार प्रति घंटे 6200 किलोमीटर तक होती है। इन पर किसी भी अडवांस राडार सिस्टम के जरिए निगरानी नहीं रखी जा सकती। इनमें भी दो तरह की मिसाइलें होती हैं। पहली, हाइपरसोनिक ग्लाइड वीकल, जो धरती से मार करती है और फिर जमीन पर ही वार करती है। दूसरी, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल होती हैं। ये थोड़ा नीचे उड़ती हैं, लेकिन इनकी स्पीड कहीं ज्यादा होती है। दुश्मन देश के पास इनका जवाब देने के लिए बेहद कम वक्त होता है। ये मिसाइलें परमाणु हथियार भी ले जा सकती हैं। 

रूस की किंझाल मिसाइलों की क्या खासियत?
किंझाल एक एयर-लॉन्च मिसाइल है। यहां परमाणु एवं परंपरागत हथियारों को ले जाने में सक्षम है। ये 480 किलो वजन लेकर 1500 से 2000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती हैं। यह इनकी सामान्य गति है। इनकी गति को 12 हजार किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि रूस हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में दुनिया में लीड है। उन्होंने कहा कि इन मिसाइलों की स्पीड, मारक क्षमता को ट्रैक नहीं किया जा सकता।

रूस ने बीते साल भी यूक्रेन पर किया था इनसे अटैक
मॉस्को का कहना है कि यूक्रेन युद्ध में इन मिसाइलों का सबसे पहले बीते साल मार्च में इस्तेमाल किया गया था। इन हमलों में एक फ्यूल डिपो तबाह कर दिया गया था। बता दें कि गुरुवार को ही यूक्रेन एयर फोर्स के प्रवक्ता ने कहा कि उनके देश के पास किंझाल मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए तकनीक मौजूद नहीं है। 

इन देशों में भी हाइपरसोनिक मिसाइलों पर चल रहा काम
अमेरिका हाइपरसोनिक हथियारों को तैयार करने में तेजी से जुटा है। अप्रैल 2022 में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच भी इसे लेकर समझौत हुआ है कि वे हाइपरसोनिक हथियारों के निर्माण में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। चीन भी इस तकनीक पर काम कर रहा है। इसके अलावा ईरान, इजरायल और दक्षिण कोरिया ने भी इस तकनीक पर बेसिक रिसर्च की है।