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चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो के वैज्ञानिक पहुंचे तिरुमला मंदिर, की पूजा-अर्चना

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चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो के वैज्ञानिक पहुंचे तिरुमला मंदिर, की पूजा-अर्चना

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चार साल बाद एक बार फिर से शुक्रवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है. वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार की सुबह तिरुमला में श्री वेंकटश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की. देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा.

मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिनके गुरुवार सुबह मंदिर पहुंचने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर आ गए. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने भी उनके मंदिर पहुंचने की पुष्टि की है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, टीटीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जी हां, इसरो का दल तिरुमला आया लेकिन हमारी जनसंपर्क शाखा ने उनके दौरे को ‘कवर’ नहीं किया.’’ उन्होंने बताया कि मंदिर के अधिकारी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दौरे में व्यस्त थे.

अधिकारी ने बताया कि इसरो के अधिकारी आम तौर पर मंदिर में अपने दौरे को जनता की नजरों से दूर ही रखते हैं. इसरो ने चंद्रयान-तीन मिशन के लिए ‘मिशन तत्परता समीक्षा’ (एमआरआर) पूरी कर ली है. इसरो ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘(एमआरआर) बोर्ड ने प्रक्षेपण को अधिकृत कर दिया है. उल्टी गिनती कल से शुरू होगी.’

इसरो का चांद पर यान को ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं. देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 'फैट बॉय' एलवीएम-एम4 रॉकेट ले जाएगा.

वैज्ञानिक यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में घंटों कड़ी मेहनत करने के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग तकनीक में महारथ हासिल करने का लाक्ष्य साधे हुए हैं. अगर भारत ऐसा कर पाने में सफल हो जाता है वह अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा.  


अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस सप्ताह प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-3 मिशन के लिए संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का 24 घंटे का ‘‘प्रक्षेपण पूर्वाभ्यास’’ किया. मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम3) से दोपहर 2:35 बजे प्रक्षेपित करने की योजना है.