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Haryana CET Exam: हरियाणा CET परीक्षा को लेकर CM का ऐलान सुन लाखों युवाओं की हुई बल्ले बल्ले, अब नहीं देनी होगी ग्रुप D की परीक्षा

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Haryana CET Exam: हरियाणा CET परीक्षा को लेकर CM का ऐलान सुन लाखों युवाओं की हुई बल्ले बल्ले, अब नहीं देनी होगी ग्रुप D की परीक्षा
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सामान्य पात्रता परीक्षा हर साल आयोजित की जाएगी। वर्तमान में ग्रुप सी और डी के पदों के लिए अलग-अलग सीईटी की व्यवस्था की जाएगी। अगले साल से ग्रुप-सी व डी के अभ्यर्थियों का एक ही पेपर होगा, जो दसवीं की योग्यता के बराबर होगा। हालांकि ग्रुप-सी के उम्मीदवारों को सीईटी के दिन ही 25-30 प्रश्नों का एक पेपर अलग से दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त आधा घंटा मिलेगा। इस एग्जाम के लिए सेंटर भी अलग होगा।


हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। ‘स्वामित्व’ योजना के तहत प्रदेश के गांवों को लालडोरा मुक्त कर चुकी प्रदेश सरकार ने अब गांवों में पहली रजिस्ट्री 100 रुपये में करने का निर्णय लिया है। यानी गांवों के लोगों को जमीन नाम करवाने के लिए अब स्टॉम्प शुल्क नहीं देना होगा। हालांकि यह निर्णय पहली रजिस्ट्री पर लागू होगा। बाद में कलेक्टर रेट के हिसाब से ही स्टॉम्प शुल्क लिया जाएगा।

बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना जवाब देते हुए यह ऐलान किया। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का चौथा वार्षिक बजट पेश करेंगे। बजट पेश करने से पहले ही उन्होंने कई घोषणाएं कर दी हैं। राज्य को लालडोरा मुक्त करने की शुरुआत खट्टर पार्ट-। में करनाल के सिरसी गांव से हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी को यह योजना इतनी पसंद आई कि उन्होंने ‘स्वामित्व’ के नाम से इसे दूसरे राज्यों में भी लागू किया।

आठ राज्य स्वामित्व योजना को अपना चुके हैं। स्वामित्व योजना लागू होने के बाद गांवों में जमीन के झगड़े खत्म हुए हैं। साथ ही, ग्रामीणों को उनकी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिला है। सीएम ने सदन में ऐलान किया कि जिन ग्रामीणों ने अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, वे 100 रुपये फीस देकर रजिस्ट्री करवा लें। इसके बाद यह मौका नहीं मिलेगा और पूरा शुल्क लिया जाएगा। यह फैसला भी केवल पहली रजिस्ट्री पर ही लागू होगा।

एजुसैट चौकीदारों का वेतन दोगुना :

पूर्व की हुड्डा सरकार के समय स्कूलों में एजुसैट की निगरानी के लिए नियुक्त किए गए चौकीदारों के वेतन को मुख्यमंत्री ने डबल करने का ऐलान किया है। अभी तक उन्हें 7 हजार रुपये मानदेय मिल रहा था। इसे बढ़ाकर चौदह हजार करने का निर्णय लिया है। साथ ही, एजुसैट चौकीदारों का नया नाम ‘मल्टीपर्पज वर्कर’ होगा। इन सभी को हरियाणा राज्य कौशल रोजगार निगम के अधीन लाया जाएगा ताकि उन्हें न्यूनतम वेतन मिल सके।

तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए अनिवार्य की गई सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) भी अगले साल अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ होगी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पिछले साल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा ले चुका है और तृतीय श्रेणी के पदों के लिए अभी यह एग्जाम होना है। विपक्ष ने खिलाड़ियों के आरक्षण को खत्म करने के आरोप सरकार पर लगाए थे। इनका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में तृतीय श्रेणी के कुल स्वीकृत पदों में से तीन प्रतिशत खिलाड़ियों के लिए आरक्षित होंगे।