Haryana News

हरियाणा पंचायत इलेक्शन का कल बजेगा बिगुल, 1 बजे होगा ऐलान; 6,226 सरपंच समेत 71,763 पदों पर चुनाव

 | 
हरियाणा पंचायत इलेक्शन का कल बजेगा बिगुल, 1 बजे होगा ऐलान; 6,226 सरपंच समेत 71,763 पदों पर चुनाव

हरियाणा पंचायत चुनाव की शुक्रवार को घोषणा हो जाएगी। राज्य चुनाव आयोग ने इसको लेकर चंडीगढ़ में एक अहम बैठक बुलाई है। बैठक के बाद मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) धनपत सिंह इसकी घोषणा करेंगे। हरियाणा में पंचायतों के 71,763 पदों पर चुनाव होने हैं।

इससे पहले अचानक आदमपुर उपचुनाव की घोषणा होने से राज्य के पंचायत चुनाव स्टेट इलेक्शन कमेटी (SEC) ने घोषणाा टाल दी थी। इस बार कोविड पाबंदियों के चलते पंचायत चुनाव कराने में करीब 18 महीने की देरी हो रही है। हरियाणा में 2016 में तीन चरणों में पंचायत चुनाव कराए गए थे।


दो चरणों में चुनाव कराने की तैयारी
स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) दो चरणों में चुनाव कराने पर विचार कर रहा है। इसके पीछे की वजह स्टाफ की कमी और फेस्टिवल मंथ को बताया जा रहा है। हालांकि चर्चा यह जोरों पर थी कि इस बार पंचायत चुनाव 4 चरणों में कराए जाएंगे, लेकिन अब SEC ने दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है।

यह है चुनाव की प्लानिंग
पंचायत चुनाव 11-11 जिलों के 2 फेज में कराए जाएंगे। पहले चरण में 11 जिलों में जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव होंगे। फिर दूसरे चरण में पंच और सरपंच का चुनाव होगा। इसके बाद दूसरे 11 जिलों में इसी तरह चुनाव कराए जाएंगे।


पंचायतों के इन पदों पर मतदान
हरियाणा में पंचायतों के 71,763 पदों पर चुनाव होने हैं। इनमें 6,226 पद सरपंचों के हैं ग्राम पंचायतों में पंच के 62,040 पद हैं। 143 पंचायत समितियों में 3086 सदस्यों का चुनाव होगा। वहीं 22 जिला परिषदों में 411 सदस्य हैं। पंचायत समितियों और जिला परिषदों में बाद में चेयरमैन चुने जाएंगे।


EVM और बैलेट पेपर से होंगे चुनाव
सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग इस बार चुनाव में EVM और बैलेट पेपर, दोनों का इस्तेमाल करेगा। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव EVM से कराए जाएंगे। वहीं पंच और सरपंच के चुनाव बैलेट पेपर से होंगे।


2010 से लेट हो रहे चुनाव
पंचायत चुनाव हर पांच साल में होने चाहिए, लेकिन पिछले कुछ सालों से समय पर चुनाव नहीं हो पाए। 2010 में पांच महीने की देरी हुई थी। अगला चुनाव जून, 2015 में होना था लेकिन इसमें देरी हो गई क्योंकि तत्कालीन नवगठित भाजपा सरकार ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य शिक्षा-मानदंड पेश किए थे।