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हरियाणा में BJP की जीत के लिए नई रणनीति, गुजरात में इसी फार्मूले पर मिली बीजेपी को जीत

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हरियाणा में BJP की जीत के लिए नई रणनीति, गुजरात में इसी फार्मूले पर मिली बीजेपी को जीत

हरियाणा में 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव की जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गेम प्लान तैयार कर लिया है। BJP संगठन की सबसे छोटी और सबसे मजबूत कड़ी पन्ना प्रमुख को और माइक्रो लेवल तक ले जा रही है। इसलिए पन्ना प्रमुखों के बाद अब पन्ना समितियां बनाई जा रही हैं।

इसके लिए जिला अध्यक्षों और प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उत्तर प्रदेश (UP) मध्य प्रदेश (MP) के बाद गुजरात में BJP ने इसी फार्मूले पर रिकॉर्ड जीत हासिल की है। गुरुग्राम में हुई समीक्षा बैठक में सभी पार्टी नेताओं को चुनावी जीत का यह रोडमैप बता दिया गया है।

पहले पन्ना प्रमुख को जानिए..
पन्ना प्रमुख कहने को तो एक BJP कार्यकर्ता होता है, जिसे मतदाता सूची के एक पन्ने के 30 वोटरों की जिम्मेदारी दी जाती है। वह मतदाता सूची के एक पन्ने का प्रमुख होता है। पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने 30 वोटर से बात करके उनसे संपर्क करके यह तय करें कि वह सभी मतदान करें और BJP के पक्ष में वोट करें।


BJP की नई तैयारी यानी पन्ना समिति क्या है...
पन्ना प्रमुख के बाद BJP पन्ना समिति पर भी फोकस कर रही है। पन्ना समिति पन्ना प्रमुख से भी छोटी ईकाई होगी। इसे ऐसे समझिए कि अभी 30 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख होता है लेकिन इन्हीं 30 मतदाताओं में 5 पन्ना प्रमुख बनाए जाएंगे। यानी 30 मतदाताओं पर पन्ना प्रमुख 5 हो जाएंगे। इन सबकी एक समिति होगी। यही फार्मूला गुजरात में BJP ने अपनाया था। जिसे हरियाणा में लागू किया जा रहा है।

पन्ना प्रमुख से पन्ना समिति की जरूरत की 3 बड़ी वजहें

हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के परिणामों ने BJP को ये बता दिया कि उसकी शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़ ढीली पड़ रही है। जिला परिषद के चुनाव में बीजेपी ने 102 सीटों पर प्रत्याशियों को सिंबल दिया, लेकिन मात्र 22 सीटों पर ही जीत मिल सकी। इसके अलावा पंच-सरपंच चुनाव में भी बेहतर परिणाम नहीं मिल सके।


2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरा बहुमत नहीं पा सकी। जिस वजह से जजपा के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी। मंत्रियों के कई अहम कोटे जजपा को देने पड़े।


हरियाणा में भाजपा 2 टर्म से सत्ता में है। ऐसे में उन्हें एंटी इनकंबेसी का भी डर सता रहा है। ग्राउंड लेवल पर इसे भांपकर लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए भी यह रणनीति अपनाई जा रही है।


इलेक्शन के फीडबैक की भी जिम्मेदारी
पन्ना प्रमुख हर वोटर से मिल कर और फोन के द्वारा संपर्क करता है। जब तक उसके पन्ने का आखिरी वोटर मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच जाता है, उसकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है। चुनाव शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद में हर पन्ना प्रमुख एक रिपोर्ट तैयार करता है, जिसके फीडबैक के आधार पर यह तय कर लिया जाता है कि कितने लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। इससे जीत की संभावना का अंदाजा भी लगाया जाता है।


CM भी पन्ना प्रमुख
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद हरियाणा में BJP जल्द ही पन्ना प्रमुख अभियान शुरू करेगी। इसके लिए जिलाध्यक्षों के साथ ही प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। इस अभियान में CM के साथ ही सरकार के मंत्रियों को भी पन्ना प्रमुख बनाया जाएगा। इन बड़े नेताओं के पन्ना प्रमुख बनने से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश आएगा और इससे चुनाव में पार्टी को एक मजबूती भी मिलेगी।