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क्या सोनाली फोगाट की मौत के पीछे है राजनीतिक षड्यंत्र, राजनीतिक के इन बातों से मिल रहे कई अहम संकेत

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क्या सोनाली फोगाट की मौत के पीछे है राजनीतिक षड्यंत्र, राजनीतिक के इन बातों से मिल रहे कई अहम संकेत

सुधीर सांगवान ने खुद को भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा रणनीतिकार बताया और सोनाली फोगाट को ये कहकर झांसे में ले लिया कि वो उनका पूरा राजनीतिक काम संभाल लेगा और चुनाव में भी मदद करेगा.

आखिरकार क्या वजह है कि सोनाली फोगाट का परिवार बार-बार कह रहा है कि सुधीर सांगवान ने सोनाली को ड्रग्स देकर मारा है, लेकिन उसके पीछे सोनाली फोगाट की संपत्ति हथियाना मुख्य कारण नहीं है. सोनाली फोगाट की हत्या के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र है. पहले सोनाली फोगाट के पिछले करीब 11 साल से वकील और राजनीतिक सहयोगी राजेश बिश्नोई से बात की. राजेश बिश्नोई ने बताया कि कैसे सुधीर सांगवान के सोनाली फोगाट के जीवन में आने से पहले उनके पास उनके कई सहयोगियों के एक बड़ी टीम होती थी. लेकिन सुधीर सांगवान ने धीरे-धीरे इस पूरी टीम को खत्म कर दिया.

‘सुधीर सांगवान ने सोनाली को झांसे में लिया था’
राजेश विश्नोई और सोनाली फोगाट के भतीजे मोनेन्द्र फोगाट ने बताया कि 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान जब सोनाली फोगाट बीजेपी की टिकट पर आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में थी तो उससे करीब 2 से 3 महीने पहले उनकी जयपुर में सुधीर सांगवान से मुलाकात हुई. सुधीर सांगवान ने खुद को भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा रणनीतिकार बताया और सोनाली फोगाट को ये कहकर झांसे में ले लिया कि वो उनका पूरा राजनीतिक काम संभाल लेगा और चुनाव में भी मदद करेगा.

जिसके बाद सोनाली फोगाट के कहने पर सुधीर सांगवान हिसार पहुंच गया और हिसार के संत नगर के सोनाली फोगाट के घर में ही रहने लगा. लेकिन यहां आने के साथ ही उसने सोनाली फोगाट के पुराने राजनीतिक सहयोगियों को धीरे-धीरे रास्ते से हटाना शुरू कर दिया. एडवोकेट राजेश विश्नोई के मुताबिक 2019 के आदमपुर विधानसभा चुनाव के दौरान सोनाली फोगाट का कैंपेन बहुत बढ़िया चल रहा था. लेकिन आखिर के तीन-चार दिन में जब कैंपेन को तेज किया जाना चाहिए था तब सुधीर सांगवान ने सोनाली फोगाट के कैंपेन को पूरी तरह से खत्म कर दिया.

‘सोनाली का राजनीतिक करियर गर्त में धकेला’
सुधीर सांगवान ने सोनाली के कई मुख्य कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और कई जगह पर ऐसे कार्यक्रम किए गए जहां पर सोनाली फोगाट या तो पहुंचीं नहीं या फिर काफी देर से पहुंचीं. सोनाली फोगाट के भतीजे मोनेंद्र और उनके राजनीतिक सहयोगी एडवोकेट राजेश का मानना है कि सुधीर सांगवान की वजह से सोनाली फोगाट का राजनीतिक करियर गर्त में जाता जा रहा था. लेकिन सोनाली फोगाट को लगता था कि सुधीर सांगवान के आने से उनके राजनीतिक करियर को फायदा मिल रहा है.

सोनाली के वकील राजेश विश्नोई ने आशंका जताई कि सुधीर सांगवान का एजेंडा सोनाली फोगाट के पूरे राजनीतिक करियर को खत्म करने का था. इसी वजह से परिवार सीबीआई जांच चाहता है, ताकि पता लग सके कि अगर संपत्ति सुधीर सांगवान हथिया नहीं पाया था तो फिर ऐसे में उसने सोनाली फोगाट को ड्रग्स देकर उनकी हत्या क्यों की. राजेश विश्नोई ने आशंका जताई कि हो सकता है कि सुधीर सांगवान के पास सोनाली फोगाट का कोई वीडियो या अन्य ऐसा कोई राज था जिसके दम पर वो लगातार सोनाली फोगाट को ब्लैकमेल कर रहा था. वह हमेशा उनको अपने दबाव में रखता था.

सोनाली की मौत पर परिवार के गंभीर आरोप
हालांकि जब एडवोकेट राजेश बिश्नोई से पूछा गया कि क्या सुधीर सांगवान का इरादा ये था कि वो सोनाली का राजनीतिक कैरियर खत्म करके उन्हें एक घरेलू महिला बना दे और उनसे शादी करके उनकी संपत्ति को हथिया ले. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब तो सीबीआई ही सुधीर सांगवान से जांच के दौरान ले सकती है.

सोनाली फोगाट के भाई वतन ढाका ने कहा कि गोवा पुलिस भले ही इसी एंगल पर तफ्तीश कर रही हो कि सुधीर सांगवान का इरादा सोनाली फोगाट की संपत्ति को हथियाने का था. लेकिन परिवार इसे सोनाली की मौत के लिए मुख्य कारण नहीं मानता और राजनीतिक षड्यंत्र को सोनाली फोगाट की मौत की वजह मानता है. इसी एंगल पर ही तफ्तीश सीबीआई से करवाना चाहता है.

‘विधानसभा क्षेत्र में एक्टिव होना विरोधियों को खला’
सोनाली फोगाट के जीजा अमन पुनिया ने राजनीतिक षड्यंत्र को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया. अमन पूनिया ने कहा कि सोनाली फोगाट 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं और 35000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे. वह लगातार आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में काम कर रही थीं. उनको एक मजबूत महिला नेता के तौर पर देखा जाता था. ऐसे में राजनीतिक षड्यंत्र ये हो सकता है कि सोनाली फोगाट को रास्ते से हटा दिया जाए और ये साजिश उसी व्यक्ति की हो सकती है जिसे आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से सोनाली के हट जाने से फायदा मिलना हो.

ऐसा कौन राजनीतिक व्यक्ति हो सकता है जिसे सोनाली के हटने से आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में फायदा हो सकता है. इस सवाल पर वह किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का नाम नहीं ले पाए. हालांकि अमन पूनिया ने दावा किया कि सोनाली फोगाट इस बार भी आदमपुर उपचुनाव में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार थीं. बतौर उम्मीदवार वह तैयारी कर रही थी.