Haryana News

Haryana: हरियाणा के किसानो के लिए जबरदस्त खुशखबरी, बिजली मंत्री ने की ये घोषणा

 | 
Haryana: हरियाणा के किसानो के लिए जबरदस्त खुशखबरी, बिजली मंत्री ने की ये घोषणा
हरियाणा में बिजली शुरू से ही बड़ा मुद्दा रही है। सरकार बदली समय बदला और लोग बिजली चोरी छोड़ बिल भर रहे हैं। ऐसे में सरकार का भी दायित्व है कि प्रदेश के लोगों को उम्दा सुविधाएं दे। इसी कड़ी में हम बिजली विभाग को हाईटेक कर रहे है। इसके तहत खेतों में लगे ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से चलाने की तैयारी है। रात के बजाय हम खेती के लिए बिजली दिन में देने पर जोर दे रहे हैं। बिजली विभाग को इतना सक्षम बना रहे हैं कि कंट्रोल रूम से ही उपभोक्ताओं के मीटर कंट्रेाल हो सकें। साथ ही हरियाणा की जेलों को भी सुधार रहे हैं। यह कहना है सूबे के बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला का। अमर उजाला के संवाददाता सोमदत्त शर्मा से बातचीत में उन्होंने भविष्य के हरियाणा की तस्वीर दिखाई।


खेतों के ट्यूबवेल को सोलर पर लाने की तैयारी थी, कहां तक प्रगति हुई हुई?
इस योजना पर काम चल रहा है। हमारी तैयारी है कि प्रदेश के साढ़े छह लाख खेती के ट्यूबवेल कनेक्शन को सोलर पर लाया जाए। क्योंकि एक कनेक्शन पर प्रति साल एक लाख रुपये की सब्सिडी सरकार देती है। ऐसा होने पर सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होगी। साथ ही हमारी तैयारी है कि खेती के लिए बिजली आपूर्ति रात की बजाये दिन में की जाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस संबंध में बैठक हो चुकी है। जल्द इसकी घोषणा की उम्मीद है।


बिजली सप्लाई के ढांचागत सुधार के लिए विभाग की क्या योजना है?
बिजली विभाग में बड़े स्तर पर सुधार के लिए केंद्र सरकार के स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल डेटा एक्वीजीशन सिस्टम) प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। हर जिले में 50-50 करोड़ रुपये से यह सेंटर स्थापित किए जाएंगे। ये सभी मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। इसके शुरू होने से कंट्रोल में बैठे ही किसी का भी बिजली कनेक्शन काटना और जोड़ना संभव होगा। इसके अलावा, लोड को भी ट्रांसफर किया जा सकेगा। हर उपभोक्ता पर कंट्रोल किया जा सकेगा। लोड से अधिक बिजली खर्च करने वाले भी कंट्रोल रूम के रडार पर रहेंगे।

यह प्रोजेक्ट संभव कैसे होगा, अभी तक तो मात्र पांच लाख ही स्मार्ट मीटर लग पाए हैं
आगामी पांच साल में सभी 76 लाख उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। फिलहाल सरकार 20 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लक्ष्य पर काम कर रही है और इसमें तेजी आई है। धीमी गति वाली कंपनियों को नोटिस भी दिए हैं।

कई सरकारी विभागों पर बिजली बिल बकाया हैं, रिकवरी के लिए निगम क्या कर रहा है?
सरकारी विभागों पर करीब 600 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है। इसके लिए विभागों को नोटिस दिए हैं। क्योंकि यह सरकार का ही पैसा है, कहीं जाने वाला नहीं है। फिर भी आगामी दिनों में संबंधित विभागों के साथ बैठक कर इसकी रिकवरी कराने के लिए कहा जाएगा।