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Haryana: एवरेस्टर मनीषा पायल ने भाजपा सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, जमकर निकाली बडास

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Haryana: एवरेस्टर मनीषा पायल ने भाजपा सरकार पर बरसीं, लगाया भेदभाव का आरोप

एवरेस्ट की चोटी पर पीएम मोदी की तस्वीर फहराने वालीं मनीषा पायल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। मनीषा पायल हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम नगराधीश सुरेश कुमार को ज्ञापन सौंपा। सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ लघु सचिवालय ज्ञापन देने पहुंची मनीषा पायल ने सरकार पर तीखे तंज कसे। मनीषा ने स्पष्ट किया कि उसके सब्र का बांध टूट चुका है। अगर अब भी सरकार ने उन्हें पूर्व के एवरेस्ट विजेताओं जैसा सम्मान नहीं दिया तो वह आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर होगी। सीटीएम सुरेश कुमार ने ज्ञापन लेने के बाद आश्वस्त किया कि जिले की प्रतिभावान बेटी मनीषा की बात सरकार तक जरूर पहुंचाई जाएगी।

गौरतलब है कि 22 मई 2019 को मनीषा पायल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्र वाला ध्वज भी फहराया था। इस दौरान वह बुरी तरह से जख्मी भी हो गई थीं। इसके बाद उन्हें लंबे समय तक गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन रहना पड़ा था। 


पीएम की बेटियों को सम्मान देने की सोच से प्रभावित होकर मनीषा ने उनके चित्र वाला झंडा लेकर एवरेस्ट फतेह किया था। मगर अब तक भाजपा सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। मनीषा पायल ने कहा कि जिस तरीके का भेदभाव सरकार ने उसके साथ किया है, उसे देख आज वह पीएम का चित्र एवरेस्ट पर ले जाने के अपने निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण मानती हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार उस जैसी विश्व रिकॉर्डधारी बेटी को चार साल बीतने पर भी कोई सम्मान नहीं दे पाई तो आम बेटियां सरकार से सम्मान की क्या उम्मीद करें?

बाकी पर्वतारोहियों को मिला कैश अवार्ड व नौकरी
मनीषा ने कहा कि पूर्व में हरियाणा के जितने भी एवरेस्ट विजेता रहे हैं, सरकार ने उन्हें कैश अवार्ड व सरकारी नौकरी तक दी। मगर उन्हें आज तक सरकार ने एक खेल सर्टिफिकेट तक देने की जहमत नहीं उठाई। एवरेस्ट फतेह करने में लाखों रुपये परिवार के साथ-साथ हिसार, फतेहाबाद व सिरसा क्षेत्र के उन लोगों ने एकत्रित करके दिए, जो सही मायने में बेटियों के सपनों को हौंसलों की उड़ान देना जानते हैं। मनीषा पायल ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर जल्द सरकार ने उसके प्रति स्थिति स्पष्ट नहीं की और उसे वो सम्मान नहीं दिया, जो पहले के एवरेस्ट विजेताओं को मिलता रहा है तो वह जिला मुख्यालय पर धरना देने या अनशन करने पर मजबूर होगी।