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आयुष्मान कार्ड धारकों की बल्‍ले-बल्‍ले, सरकार घर बैठे-बैठे कराएगी यह काम

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आयुष्मान कार्ड धारकों की बल्‍ले-बल्‍ले, सरकार घर बैठे-बैठे कराएगी यह काम

सरकार की ओर से 12 लाख 72 हजार आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 3,60,000 लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं. इसी कड़ी में पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण देकर जिम्मेदारी सौंपी गई है. अभी 600 से 700 कार्ड ही प्रतिदिन बन पा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले समय में

लक्ष्य के सापेक्ष आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए शासन की तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. अब आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए नई कवायद शुरू की गई है. इसके तहत ग्राम सचिवालयों में तैनात पंचायत सहायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, वो ग्राम सचिवालय में आयुष्मान कार्ड बनाएंगे. जिससे ग्रामीणों को सरकार की फ्री स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिया जा सके. अभी तक केवल योजना के अंतर्गत आयुष्मान मित्रों एवं कॉमन सर्विस सेंटर के बीएलई के माध्यम से ही आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे थे.

जिले में सरकार की ओर से 12 लाख 72 हजार आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 3,60,000 लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं. जिले में वर्तमान समय में 804 पंचायत सहायकों की नियुक्ति हुई है. इस व्यवस्था के लागू होने से ग्रामीणों को भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी. वे गांव में ही स्थापित ग्राम सचिवालय में गोल्डन कार्ड बनवा सकेंगे. आयुष्मान भारत एप के जरिए पंचायत सहायक कार्ड बनाएंगे. आईडी व पासवर्ड डालने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसको डालते ही एप चालू हो जाएगा. इसके बाद थंब इम्प्रेशन व फेस आइडेंटीफिकेशन के जरिए लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाएंगे.

ऐसे कर सकते हैं पात्रता की जांच
निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 14555 या 1800-111-565 डॉयल करके.सूचीबद्ध अस्पताल (ईएचसीपी) के आयुष्मान मित्र से संपर्क करके.नजदीकी जनसेवा केंद्र की मदद से.ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक की मदद से.

आयुष्मान कार्ड के लिए आवश्यक बातें
आयुष्मान कार्ड सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क बनाए जाते हैं.आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए व्यक्तिगत पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड जरूरी है.परिवार की पहचान के लिए राशन कार्ड साथ लेकर जाएं.

पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. यू. एन. सिंह ने बताया कि योजना के लाभार्थी को साल भर में पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा मिलती है. लक्ष्य पूरा करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण देकर जिम्मेदारी सौंपी गई है. अभी 600 से 700 कार्ड ही प्रतिदिन बन पा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले समय में हम 60 हजार कार्ड प्रति महीना बना सकेंगे.