'रामायण' के बाद 10 साल तक कोर्ट के चक्कर लगाते रहे थे रामानंद सागर, जानिए पूरा किस्सा

रामानंद सागर की 'रामायण' को खूब पसंद किया जाता था। हर हफ्ते में 'रामायण' का 35 मिनट का एक एपिसोड प्रसारित होता था। जिस दिन 'रामायण' के एपिसोड का प्रसारण होने वाला होता था उस दिन सड़कें खाली हो जाया करती थीं। लोग अपना सारा काम छोड़कर बस टीवी के सामने बैठ जाया करते थे। लेकिन, क्या आपको पता है, 'रामायण' के कारण रामानंद सागर पर दस साल तक कोर्ट में केस चला था। नहीं! आइए हम आपको इस पूरे किस्से के बारे में बताते हैं।
शुरुआत में आई यह दिक्कत
रामानंद सागर ने दो साल तक दूरदर्शन और सूचना प्रसारण मंत्रालय के चक्कर लगाने के बाद 'रामायण' के प्रसारण की अनुमति हासिल की थी। साल 1987 में जब इसका प्रसारण शुरू हुआ तब हर कोई हैरान रह गया। उन्हें भगवान राम और माता सीता की कहानियां खूब पसंद आने लगीं। तकरीबन एक साल तक 'रामायण' का प्रसारण होते रहा। लेकिन, जब 78 एपिसोड के बाद माता सीता के धरती में समाने पर रामायण का समापन हुआ था तो लोग पागल हो गए।
दर्शकों ने डाला दबाव
'रामायण' के प्रशंसक हर रोज हजारों चिट्ठियां लिखकर 'रामायण' के आगे की कहानी दिखाने की मांग करने लगे। लोगों की डिमांड देखते हुए दूरदर्शन भी रामानंद सागर पर दबाव डालने लगा। लेकिन, रामानंद सागर इसके लिए तैयार नहीं थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रामानंद सागर ने आगे की कहानी दिखाने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि यदि वे लव-कुश की कहानी दिखाते तो वह कल्पना पर आधारित होती।
विवादों में फंसे रामानंद सागर
हालांकि, दर्शकों की मांग को देखते हुए रामानंद सागर ने 'रामायण उत्तर कांड' के नाम से आगे की कहानी दिखानी की कोशिश की। लेकिन, ये कोशिश उन्हीं पर भारी पड़ गई। सीरियल के कई सीन्स पर विवाद हुआ और लोगों ने आपत्ति जताई। इतना ही नहीं, रामानंद सागर पर केस भी कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामानंद सागर इन केस की वजह से दस साल तक कोर्ट के चक्कर काटते रहे थे।