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Go First का भी हुआ जेट एयरवेज जैसा हाल, फंड की कमी, दिवालिया होगी कंपनी!

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Go First का भी हुआ जेट एयरवेज जैसा हाल, फंड की कमी, दिवालिया होगी कंपनी!

देश की एक और एयरलाइन कंपनी दिवालिया हो सकती है। दरअसल, प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) ने एनसीएलटी के समक्ष स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, लो-कॉस्ट कैरियर गो फर्स्ट ने फ्लीट की दिक्कतों और फंड की कमी के चलते अगले दो दिनों के लिए नई बुकिंग रोक दी है। बता दें कि साल 2019 में भारी कर्ज की वजह से जेट एयरवेज को भी उड़ान सेवाएं रोक देनी पड़ी थी। इसके बाद कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजरी और अब जालान-कालरॉक समूह ने इसका अधिग्रहण किया है। 

आज देरी से चल रही उड़ानें
मामले से वाकिफ जानकारों ने कहा, "एयरलाइन के पास अगले दो दिनों के लिए टिकटों की कोई लिस्ट नहीं है। इसलिए, टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म पर अगले दो दिनों की यात्रा के लिए नई बुकिंग उपलब्ध नहीं है।" वहीं, एक अन्य सोर्स ने कहा, "उड़ान संचालन की वर्तमान स्थिति के अनुसार 3 मई के लिए कई उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। सुबह की कई उड़ानें भी आज देरी से चल रही थीं।" इस बीच, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एयरलाइन द्वारा 3-4 मई को बुकिंग रद्द करने के संबंध में है।

कंपनी ने दिया बयान
इस एयरलाइन के सीईओ कौशिक खोना ने कहा कि फंड की गंभीर समस्या के चलते गो फर्स्ट तीन और चार मई को अस्थायी रूप से अपनी उड़ानें निलंबित रखेगी। सीईओ ने यह भी कहा है कि पी एंड डब्ल्यू से इंजन की आपूर्ति नहीं होने से गो फर्स्ट वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही है, इससे उसके 28 विमानों का परिचालन बंद हो गया है। इस वजह से एयरलाइन के समक्ष नकदी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, ''दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है लेकिन कंपनी के हितों के संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी था।'' 


सरकार को दी गई है जानकारी
एयरलाइन ने सरकार को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी दे दी है। साथ ही वह नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने जा रही है। खोना ने कहा कि एयरलाइन की उड़ानें तीन और चार मई को निलंबित रहेंगी। उसके बाद उड़ानों का परिचालन फिर शुरू होगा। गो फर्स्ट के कर्मचारियों की संख्या 5,000 से अधिक है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, एयरलाइन की बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले 9.8% की तुलना में मार्च में 6.9% थी। विमानन वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के अनुसार, एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान हैं।